नई दिल्ली। सरकार द्वारा नियुक्त एक पैनल ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद-एआईसीटीई के तहत आने वाले सभी इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट संस्थानों के लिए एक प्रवेश परीक्षा लेने की सिफारिश की है। समिति पैनल ने यह भी सिफारिश की है कि काउंसलिंग सत्र के पूरा होने के बाद रिक्त पड़ी सीटों को प्रबंधन कोटा की सीटें न माना जाए बल्कि उनका उपयोग प्रतीक्षा सूची वाले छात्राों के लिए किया जाए।
इस पैनल ने परीक्षा के संचालन के लिए एक राष्ट्रीय परीक्षा सेवा की स्थापना करने की सिफारिश करते हुए प्रस्ताव दिया है कि यह एक स्वतंत्र निकाय होना चाहिए। वर्तमान में इंजीनियरिंग तथा प्रबंधन के 11,000 से अधिक संस्थान एआईसीटीई के दायरे में आते हैं।
पैनल ने सिफारिश की है एक राष्ट्रीय परीक्षा सेवा होना चाहिए जो इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा तथा प्रबंधन पाठ्यक्रमों के लिए एक साझा प्रवेश परीक्षा लेगा। इन परीक्षाओं के नतीजों का वे सभी संस्थान उपयोग करेंगे जिनका संचालन विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों, राज्य सरकारों द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों या निजी विश्वविद्यालयों द्वारा किया जाता है।
एआईसीटीई की समीक्षा समिति की रिपोर्ट में कहा गया है काउंसलिंग सत्रों के पूरा होने के बाद रिक्त हुई सीटों को प्रबंधन कोटा की सीटें नहीं समझा जाना चाहिए बल्कि इन सीटों का उपयोग उन छात्राों के लिए किया जाना चाहिए जो इन परीक्षाओं के लिए प्रतीक्षा सूची में इंतजार करते हैं। सरकार ने इन सिफारिशों पर सभी पक्षों की राय मांगी है।