एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, इस नए कैडर के निर्माण और संरचना में बदलाव से न केवल संगठन मजबूत होगा बल्कि यह स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया और मेक इन इंडिया के लक्ष्य को पाने में भी मदद करेगा।
बयान के अनुसार, इस कदम से संगठन की क्षमता और उत्पादकता बढ़ेगी और यह एमएसएमई क्षेत्र की वृद्धि के लक्ष्य को पाने में भी मदद करेगा क्योंकि इसके लिए प्रतिबद्ध और तकनीकी तौर पर कुशल अधिकारियों का एक कैडर होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसके गठन का निर्णय किया गया है।
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री कलराज मिश्र ने पीटीआई-भाषा को बताया, इस सेवा के तहत 11 व्यापारों और नियुक्तियों को शामिल किया जाएगा, जिनका संचालन अभी तक अलग-अलग नियमों के तहत होता रहा है।
बयान के मुताबिक ये व्यापार 1950 और 1960 के दशक में विनियमन प्रणाली के तहत विकास कर रहे थे। लेकिन समय के साथ विभाग के अधिकारियों का काम बदल गया है और अब एक ऐसे कैडर की जरूरत है जो उद्यमों के विकास के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य कर सकें।
शुरुआत में आईईडीएस में 617 अधिकारी होंगे। इनमें से छह अधिकारी संयुक्त सचिव स्तर के होंगे। ये अधिकारी विकास आयुक्त के 72 फील्ड कार्यालयों तथा दिल्ली मुख्यालय में तैनात होंगे। 72 फील्ड कार्यालयों में से 30 एमएसएमई विकास संस्थान तथा 28 शाखा संस्थान हैं।
भाषा