केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के तीन प्रमुख बैंक देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के विलय करने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले की जानकारी आज स्वयं वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दी।
मीडिया से बात करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा का आपस में विलय होगा और इस विलय के बाद जो नया बैंक बनेगा वह देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। इस अवसर पर वित्तमंत्री ने कहा कि विलय से तीनों बैंकों के कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाएं सबसे अच्छी होंगी और उनमें कोई भी सेवा-शर्तें प्रकृति में प्रतिकूल नहीं होंगी।
We have decided to merge Dena Bank, Vijaya Bank and Bank of Baroda.
— ANI (@ANI) September 17, 2018
Merger of the 3 banks will make this the third largest bank of the country: Financial Services Secretary Rajiv Kumar pic.twitter.com/u7TZs0jOeg
इसी अवसर पर बैंकों में एनपीए की समस्या पर वित्तमंत्री ने कहा कि इस समस्या का पता साल 2015 में एनडीए सरकार में चला है। पिछली यूपीए सरकार ने तो इस समस्या को छिपा रखा था।
Real picture of Non Performing Assets(NPAs) was only known in 2015, the UPA had swept NPAs under the carpet: FM Arun Jaitley pic.twitter.com/TGYVwFNVzK
— ANI (@ANI) September 17, 2018
इन तीन बैंकों का कुल नेटवर्थ कितना है?
इन बैंकों का कुल विजनेस 14.82 लाख करोड़ रुपयों का है। जिसमें से बैंक ऑफ बड़ौदा की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। शाखाओं की संख्या की दृष्टि से देखा जाए तो बैंक ऑफ बड़ौदा 5500 से अधिक शाखाओं के साथ पहले नंबर पर है, दूसरे स्थान पर विजया बैंक है और तीसरे स्थान पर देना बैंक है।
विलय की घोषणा बजट में ही कर दी गई थी
अरुण जेटली ने कहा कि “सरकार ने बजट में ही घोषणा कर दी गई थी कि बैंकों का विलय उसका प्रमुख एजेंडा है और इस दिशा में पहला कदम उठा लिया गया है। देश की बैंकिंग व्यवस्था कमजोर होने की बात कहते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि नए कर्ज न दिए जाने की वजह से कॉरपोरेट सेक्टर के निवेश पर बुरा असर पड़ रहा था। इस विलय से बैंक मजबूत होंगे और उनकी कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी।“
अंतिम विलय सिंतबर 2017 में हुआ था
बैंकों का अंतिम बार विलय पिछले साल 2017 में सितंबर में हुआ था जब भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंकों को मिला दिया गया था। ये 5 बैंक स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ पटियाला थे। भारतीय महिला बैंक का भी इसमें विलय कर दिया गया था। इस विलय के बाद भारतीय स्टेट बैंक दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में शामिल हो गया था।