हंगरी और अल्जीरिया दोनों ही देशों ने आतंकवाद को खतरा बताया है और कहा कि इसे दुनिया से खत्म किया जाना चाहिए। हंगरी के राष्ट्रपति जानोस आदर, प्रधानमंत्री विक्टर आॅरबैन और अन्य शीर्ष नेताओं के साथ चर्चा के दौरान दोनों देशों ने इस खतरे से निपटने के लिए एक मजबूत वैश्विक कानूनी ढांचा और सतत वैश्विक कार्रवाई की मांग की। हंगरी के प्रधानमंत्री ने कहा कि परस्पर लाभ के लिए रक्षा उत्पादन सहित विभिन्न मुद्दों पर द्विपक्षीय सहयोग की संभावना तलाशने के लिए उनके देश ने प्रौद्योगिकी पर एक कार्यकारी समूह की स्थापना की है।
मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था की भारत की सदस्यता और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में इसके प्रवेश के लिए हंगरी की ओर से मिले समर्थन पर उपराष्ट्रपति ने भारत का आभार व्यक्त किया। अधिकारियों ने बताया कि अल्जीरिया की दो दिवसीय यात्रा के दौरान अंसारी ने अल्जीरिया के राष्ट्रपति अब्दुल अजीज बाउतफिलका, प्रधानमंत्री अब्दुल मलिक सेलाल और विदेश मंत्री रामताने लमारा के साथ चर्चा के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की और भारत-अल्जीरिया संबंधों पर जोर देते हुए इसे एक नए स्तर पर पहुंचाने की बात कही तथा द्विपक्षीय संबंधों को कैसे जीवंत किया जाए इस मुद्दे पर भी चर्चा की।
सेल्लाल ने अंसारी को अवगत कराया कि अल्जीरिया जम्मू कश्मीर पर भारत की स्थिति का पूर्ण समर्थन करता है। अंसारी ने अल्जीरियन नेशनल पिपुल्स असेंबली के अध्यक्ष मोहम्मद लारबी उल्द खलीफा और काउंसिल आॅफ नेशंस के अध्यक्ष अब्देलकादेर बेनसालाह से भी मुलाकात की और दोनों देशों से संबद्ध विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। अल्जीरिया के नेताओं के साथ बैठक के दौरान उपराष्ट्रपति ने भारत और अल्जीरिया के बीच आतंकवाद निरोधी सहयोग जैसे विभिन्न मुद्दों को रेखांकित किया।