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‘अगर गाय से प्रेम है तो उसे राष्ट्रीय पशु घोषित कर दीजिए’

पिछले दिनों केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया। इसके तहत गाय, बैल, सांड, बधिया बैल, बछड़े, बछिया, भैंस और ऊंट की मांस के लिए खरीद-फरोख्त पर पाबंदी लगाई गई है। इस पर कई राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई है।
‘अगर गाय से प्रेम है तो उसे राष्ट्रीय पशु घोषित कर दीजिए’

केंद्र सरकार द्वारा पशु बाजारों में मांस के लिए गाय और गोवंश सहित भैंस और ऊंट की खरीद-फरोख्त पर पाबंदी लगाई गई। इस नोटिफिकेशन पर जनता दल (यू) ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की अपील की है तो वहीं केरल की वाम सरकार ने इसे अतार्किक फैसला कहा है। जदयू के वरिष्ठ नेता नीरज कुमार ने कहा, “मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि अगर गायों से इतना ही प्रेम है तो उसे गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर देना चाहिए।”

इधर केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कहा कि सरकार लोगों के खान-पान के बारे में फैसला नहीं कर सकती है। यह फैसला अतार्किक दिखाई देता है। राज्य सरकार इस पर विचार करेगी कि इस मामले में कानूनी तौर पर क्या किया जा सकता है।

बता दें कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम-1960 के तहत एक नोटिफिकेशन जारी किया है। हालांकि इस पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि इसका मकसद स्थानीय पशु बाजार और पशु निगरानी समितियों को मजबूत करना और क्रेता-विक्रेता को इसके लिए जवाबदेह बनाना है कि वे मवेशियों की खरीद-बिक्री उन्हें मारने के लिए नहीं कर रहे हैं।

 

 

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