पश्चिम बंगाल के कोलकाता में डॉक्टरों की पिटाई के विरोध में सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने एक दिन की हड़ताल बुलाई है। इसके चलते कई सरकारी और निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहेंगी। आईएमए ने आकस्मिक चिकित्सा सेवाओं को छोड़कर हड़ताल का आह्वान किया है। आईएमए सदस्य यहां अपने मुख्यालय पर भी धरना दे रहे हैं। वहीं दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने परिसर में सुबह आठ बजे से नौ बजे तक प्रदर्शन मार्च किया और दोपहर 12 बजे से वे हड़ताल में शामिल होंगे।
इसके पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा था कि भले ही बंगाल में हड़ताल खत्म हो जाए लेकिन वह डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग पर सोमवार को देशभर में हड़ताल करेंगे। इसके चलते सुबह 6 बजे से चौबीस घंटे तक देशभर में 5 लाख डॉक्टर्स हड़ताल पर रहेंगे।
वहीं युनाइटेड रेजिडेंट एंड डॉक्टर्स एसोसिएशन इंडिया ने कहा है कि उनकी स्ट्राइक तब तक जारी रहेगी जब तक कि इसका समाधान नहीं निकलता है। इस हड़ताल का दिल्ली में भी पूरा असर हो सकता है, क्योंकि दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) ने सभी प्राइवेट क्लिनिक और सेंटर को सोमवार को अपने अस्पताल, क्लिनिक और लैब बंद करने की अपील की है। इस हड़ताल के कारण आज देशभर में करीब 5 लाख डॉक्टर मरीजों का इलाज नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के हड़ताली चिकित्सकों ने रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बातचीत के जरिए गतिरोध खत्म करने का फैसला किया, लेकिन उन्होंने कहा कि विसंगतियों से बचने के लिए बातचीत का मीडिया कवरेज होना चाहिए। हड़ताल के छठे दिन जनरल बॉडी की बैठक के बाद एनआरएस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के विरोध कर रहे चिकित्सकों के एक प्रतिनिधि ने मीडिया से कहा, "हमारी मुख्यमंत्री का अंतिम प्रेस साक्षात्कार विसंगतियों से भरा है, जिसकी वजह से हमारे विरोध प्रदर्शन व सरकार के इस पर प्रतिक्रिया के पीछे गलत मंशा बताई गई। इसलिए स्पष्टीकरण की आवश्यकता है।"
आज सीएम से हो सकती है मुलाकात
माना जा रहा है कि कोलकाता में सोमवार दोपहर 3 बजे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और हड़ताली डॉक्टरों की मुलाक़ात होगी। सीएम आवास के पास ममता बनर्जी 14 कॉलेजों के प्रतिनिधि छात्रों से मिलेंगी। मीडिया को यहां आने की इजाज़त नहीं दी गई है।
एम्स ने लिया यूटर्न, हड़ताल में हुआ शामिल
दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने परिसर में सुबह आठ बजे से नौ बजे तक प्रदर्शन मार्च किया और दोपहर 12 बजे से वे हड़ताल में शामिल होंगे। पहले इन्होंने हड़ताल में शामिल ना होने का फैसला लिया था लेकिन बाद में सुबह आम सभा में हड़ताल का फैसला लिया गया। एम्स आरडीए द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘हम एक बार फिर पश्चिम बंगाल प्रशासन से हड़ताल कर रहे डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने और आम जनता के हित में जल्द से जल्द इस मामले को मैत्रीपूर्ण ढंग से सुलझाने का अनुरोध करते हैं।
क्या है मामला?
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक मरीज के परिजनों ने दो डॉक्टरों पर कथित तौर पर हमला कर दिया, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गये, जिसके बाद 11 जून से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। मरीज की मौत अस्पताल में हो गई थी। इनके समर्थन में देशभर के डॉक्टरों ने काम ना करने का फैसला किया है। आईएमए ने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा से निपटने के लिए केंद्रीय कानून की मांग की है।