पर्रिकर ने आतंकी संगठन आईएसआईएस का उदाहरण देते हुए कहा कि यह संगठन अपने इरादे को आगे बढ़ाने के लिए इंटरनेट प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग करने वालों में से एक है। रक्षा मंत्री ने कहा कि उभरता भारत वैश्विक मामलों में और अधिक प्रभावी भूमिका निभाएगा।
पर्रिकर ने डीईएफसीओएम सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा कि एक राष्ट्र के रूप में जिस दुनिया से हम रूबरू हो रहे हैं उसमें अस्थिरता अधिकाधिक बढ़ती जा रही है और एक प्रभावशाली सैन्य ताकत की जरूरत होगी। हमें सैन्य अवधारणा के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी और प्रणाली विकसित करने की जरूरत है। सम्मेलन का आयोजन भारतीय सेना की सिग्नल कोर और सीआईआई ने किया था। रक्षा मंत्री ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी को एक अहम भूमिका निभानी है क्योंकि भविष्य में युद्ध शायद साइबर युद्ध हों।
पर्रिकर ने कहा, हालांकि जमीनी सेनाओं को नहीं बदला जा सकता। आखिरकार परंपरागत सेनाओं को हटाया नहीं जा सकता लेकिन उन्हें ऐसे उपकरणों से सुसज्जित किया जा सकता है जो उन्हें सुनियोजित तरीके से लड़ने के लिए सभी सूचनाएं निर्बाध मुहैया कराएंगे। विकासशील इंटरनेट प्रौद्योगिकी के समुचित उपयोग की जरूरत पर जोर देते हुए पर्रिकर ने कहा दाएश या आईएसआईएस जैसे आंतकी संगठनों का उदाहरण लिया जा सकता है। भर्ती या सहयोग सुनिश्चित करने के लिए वह इंटरनेट का उपयोग सुनिश्चित करते हैं और अपने लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए वह इंटरनेट प्रौद्योगिकी के बेहतरीन उपयोगकर्ताओं में से एक हैं।