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ब्लैक फंगस का बढ़ता प्रकोप, जाने किस राज्य में कितने मामले

भारत में कोविड-19 संक्रमण के बाद अब म्यूकोर्मिकोसिस यानी ब्लैक फंगस चिंता का नया कारण बन गया है। देश...
ब्लैक फंगस का बढ़ता प्रकोप, जाने किस राज्य में कितने मामले

भारत में कोविड-19 संक्रमण के बाद अब म्यूकोर्मिकोसिस यानी ब्लैक फंगस चिंता का नया कारण बन गया है। देश में अब तक 7,250 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार यह संक्रमण कोविड -19 के गंभीर समस्यां होने के बाद होता है। जिससे देश में अब तक कम-से-कम 219 लोगों की जानें जा चुकी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ब्लैक फंगस संक्रमण (म्यूकोर्मिकोसिस) को महामारी रोग अधिनियम, 1897 के तहत अधिसूच्य बीमारी बनाकर सभी मामलों की सूचना देने को कहा है। इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शहर के तीन बड़े सरकारी अस्पतालों- लोक नायक (एलएनजेपी), जीटीबी और राजीव गांधी अस्पताल को ब्लैक फंगस के मामलों के लिए समर्पित सेंटर बनाने को कहा है।

ब्लैक फंगस संक्रमण के राज्यवार आंकड़े...

महाराष्ट्र- राज्य में ब्लैक फंगस के 1,500 मामले सामने आए और 90 लोगों की मौत हुई।

गुजरात- म्यूकोर्मिकोसिस के 1,163 मामलों का पता चला है और 61 लोगों की इससे मौत हो चुकी है।

मध्यप्रदेश - राज्य में इसके 575 मामले और 31 मौतें हुई हैं।

कर्नाटक- दक्षिणी राज्य में ब्लैक फंगस के 97 मामले सामने आए हैं, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार यहां अब तक किसी की भी मौत नहीं हुई है।

तेलंगाना- यहां म्यूकोर्मिकोसिस के 90 मामले और 10 मौतें भी दर्ज की गई हैं।

दिल्ली - देश की राजधानी में म्यूकोर्मिकोसिस के 203 मामले दर्ज किए गए हैं और इसके कारण अब तक केवल 1 मौत हुई है।

उत्तर प्रदेश - राज्य में म्यूकोर्मिकोसिस के 169 मामले दर्ज किए हैं और इसके कारण 8 मौतें हुई हैं।

बिहार - यहां अब तक 103 मामले और 2 मौतें दर्ज की गई हैं।

हरियाणा - राज्य में कम से कम 268 मामले, म्यूकोर्मिकोसिस के कारण 8 मौतें हुई हैं।

छत्तीसगढ़ - इस राज्य में 101 लोगों में म्यूकोर्मिकोसिस पाया गया है और इससे अब तक केवल 1 व्यक्ति की मौत हुई है।

बता दें, ब्लैक फंगस वातावरण में पाया जाता है। बरसात के मौसम में ब्लैक फंगस फैलने की आशंका अधिक होती है। इस फंगस का असर नेत्रों के रेटिना पर पड़ता है फिर ब्रेन, नर्वस सिस्टम व ह्रदय तक हो जाने से मृत्यु तक हो जाती हैं। इसससे मौत होेने की आशंका सबसे अधिक है यानी डॉक्टरों के मुताबिक मृत्यु दर सबसे अधिक 40% के करीब है।

 

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