बढ़ते तनाव और समुद्री सुरक्षा से संबंधित हालिया घटनाओं के बीच भारतीय नौसेना ने ओमान की खाड़ी और फारस की खाड़ी में अपने युद्धपोत तैनात किए हैं ताकि इस क्षेत्र में मौजूद और वहां से गुजरने वाले भारतीय पोतों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। इस ऑपरेशन को ‘संकल्प शुरु’ का नाम दिया गया है।
ऑपरेशन‘संकल्प शुरु’ के तहत भारतीय नौसेना के युद्धपोतों को जिम्मेदारी दी गई है कि फारस की खाड़ी, ओमान की खाड़ी और होरमुज-स्ट्रेट से गुजर रहे भारत के जहाजों को सुरक्षित वहां से निकालना है। नौसेना ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसके अलावा, भारतीय नौसेना के विमान क्षेत्र में हवाई निगरानी रख रहे हैं।
आईएनएस चेन्नई और सुनयना को ओमान की खाड़ी में किया गया तैनात
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डी के शर्मा के मुताबिक, आईएनएस चेन्नई और आईएनएस सुनयना को ओमान की खाड़ी में तैनात किया गया है। ताकि वहां से गुजरने वाले सभी भारतीय जहाज सुरक्षित अपने देश लौट सकें। इसके अलावा भारतीय नौसेना के टोही विमान भी आसमान से नजर रखें हुए हैं कि भारतीय जहाज सुरक्षित वहां से निकल सकें।
फारस की खाड़ी में अमेरिका के युद्धपोत तैनात
कैप्टन शर्मा के मुताबिक, राजधानी दिल्ली के करीब गुरूग्राम में हिंद महासागर के लिए बने इंफोर्मेशन फ्यूजन सेंटर से भी पूरे खाड़ी-क्षेत्र पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं, फारस की खाड़ी में अमेरिका के युद्धपोत तैनात हो चुके हैं। ईरानी नौसेना भी इस इलाके में अपनी तैनाती बढ़ा चुकी है। आशंका है कि ईरान और अमेरिकी नौसेना के बीच टकराव की वजह से दूसरे देशों के पोत चपेट में आ सकते है।
ईरान ने मार गिराया अमेरिकी ड्रोन
अमेरिका ने शुक्रवार को अपने विमानों को ईरान और ओमान की खाड़ी से होकर गुजरने पर रोक लगा दी। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने यह घोषणा की। जिस ड्रोन को ईरान ने मार गिराया, उसकी कीमत करीब 1250 करोड़ रुपए थी। इसके पंख बोइंग 737 जेटलाइनर से भी बड़े थे। करीब 30 साल पहले अमेरिका की नेवी ने भी ईरान के यात्री विमान को मार गिराया था।
ईरान की खाड़ी के आसपास सैन्य गतिविधियां बढ़ी
एफएए ने कहा कि ईरान की खाड़ी और उसके आसपास के क्षेत्रों में सैन्य गतिविधियां और राजनीतिक तनाव बढ़ा है। लिहाजा इस इलाके में विमानों के परिचालन में बाधा आएगी। अमेरिका का कहना है कि जिस ड्रोन को ईरान ने 19 जून को मार गिराया, वह उसके हवाई क्षेत्र में नहीं था। ड्रोन ओमान की खाड़ी के ऊपर नागरिक वायुमार्गों के आसपास के क्षेत्र में था। ईरान की वायुसेना ने कहा कि ड्रोन ईरान के हवाईक्षेत्र में प्रवेश कर चुका था।