कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि भारत को किसी अन्य देश से सबक लेने की जरूरत नहीं है। अतीत में कई अल्पसंख्यक देश के राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री बन चुके हैं। कांग्रेस ने यह बयान अपने दो नेताओं शशि थरूर और पी चिदंबरम की टिप्पणी के बाद आया है। जिसमें दोनों नेताओं ने ऋषि सुनक को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद आशा जताई की भारत को भी ब्रिटेन का अनुसरण चाहिए।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मंगलवार को कहा कि विविधता का सम्मान करना हमेशा से भारत की पहचान रही है। उन्होंने जाकिर हुसैन, फखरुद्दीन अली अहमद और एपीजे अब्दुल कलाम के उदाहरणों का हवाला दिया। जिन्होंने कई वर्षों तक देश में शीर्ष संवैधानिक पद संभाला था।
रमेश ने संवाददाताओं बातचीत करते हुए कहा "हमारे देश में 1967 में डॉ जाकिर हुसैन पहले राष्ट्रपति बने, फिर फखरुद्दीन अली अहमद और डॉ अब्दुल कलाम राष्ट्रपति बने। अगर मैं आपको और उदाहरण दूं तो बरकतुल्लाह खान मुख्यमंत्री बने और ए आर अंतुले भी मुख्यमंत्री बने।"
भारतीय मूल के सुनक को यूनाइटेड किंगडम के अगले प्रधान मंत्री के रूप में चुने जाने के बाद, चिदंबरम और थरूर ने कहा था कि भारत को यूके से सबक लेना चाहिए और उम्मीद है कि एक दिन देश में इस प्रथा को अपनाया जाएगा।
चिदंबरम ने एक ट्विटर पर कहा था कि पहले कमला हैरिस अब ऋषि सुनक अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों ने अपने देशों के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगाया और उन्हें सरकार में उच्च पद के लिए चुना। हमें लगता है कि भारत में बहुसंख्यकवाद का पालन करने वाली पार्टियों को इससे सबक लेना चाहिए।"
कांग्रेस नेताओं की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा, "आपको उनसे पूछना चाहिए। मैं केवल भारत जोड़ो यात्रा के बारे में बात कर रहा हूं और अन्य नेताओं ने जो कहा है उसके बारे में मैं नहीं बोलूंगा।”
रमेश ने कहा, "जिन्हें जनादेश मिलेगा वे प्रधानमंत्री बनेंगे। लोकतांत्रिक रूप से अगर कोई चुना जाता है, तो हमें कोई समस्या नहीं है। इंग्लैंड की पार्टी ने उन्हें प्रधान मंत्री बनाया है, हम इसका स्वागत करते हैं।"