अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत ने काबुल से अपने सैकड़ों अधिकारियों और नागरिकों को निकालने के लिए आकस्मिक योजनाएं बनायी हैं। दरसअल, तालिबान के रविवार सुबह राजधानी काबुल में प्रवेश करने की खबरों के बाद वहां लोगों में डर पैदा हो गया है। इस बीच, विद्रोहियों द्वारा हमले तेज किये जाने के बाद रविवार को अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर चले गए हैं।
अफगानिस्तान के 'तुलू' न्यूज की खबर के मुताबिक गनी और उनके करीबी साथी लगभग सभी बड़े शहरों और प्रांतीय राजधानियों पर तालिबान के कब्जे और राजधानी काबुल में उसके प्रवेश के बाद देश छोड़कर चले गए हैं।
घटनाक्रम पर नजर रख रहे लोगों ने कहा कि भारत काबुल में भारतीय दूतावास के अपने कर्मचारियों और भारतीय नागरिकों की जिंदगी खतरे में नहीं डालेगी तथा आवश्यकता पड़ने पर आपात स्थिति में उन्हें वहां से निकालने के लिए योजनाएं बना ली गयी हैं।
उन्होंने बताया, ‘‘सरकार अफगानिस्तान में तेजी से बदल रहे घटनाक्रमों पर करीबी नजर रख रही है। हम काबुल में भारतीय दूतावास में अपने कर्मचारियों की जान खतरे में नहीं डालेंगे।’’
हालांकि, अफगानिस्तान में तेजी से हो रहे घटनाक्रम पर भारत की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है। यह पूछे जाने पर कि काबुल से भारतीय कर्मचारियों और नागरिकों को कब निकाला जाएगा, इस पर उन्होंने कहा कि जमीनी स्थिति को देखते हुए फैसले लिए जाएंगे।
माना जा रहा है कि भारतीय वायु सेना के सैन्य परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर के एक बेड़े को लोगों तथा कर्मचारियों को निकालने के लिए तैयार रखा गया है।