मक्कल नीधि मैयम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हासन ने कहा है कि आजाद भारत का पहला ‘‘आतंकवादी हिन्दू’’ था। वह महात्मा गांधी की हत्या करने वाले, नाथूराम गोडसे के संदर्भ में बात कर रहे थे।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए हासन ने कहा कि वह एक ऐसे स्वाभिमानी भारतीय हैं जो समानता वाला भारत चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसा इसलिए नहीं बोल रहा हूं कि यह मुसलमान बहुल क्षेत्र है, बल्कि मैं यह बात गांधी की प्रतिमा के सामने बोल रहा हूं। स्वतंत्र भारत का पहला आतंकवादी हिन्दू था और उसका नाम नाथूराम गोडसे है। वहीं से इसकी (आतंकवाद) शुरुआत हुई।’’
महात्मा गांधी की 1948 में हुई हत्या का हवाला देते हुए हासन ने कहा कि वह उस हत्या का जवाब खोजने आये हैं।
‘कमल हासन की जीभ काटो’
तमिलनाडु सरकार में मंत्री और एआएडीएमके नेता केटी राजेंद्र बालाजी ने कहा है कि हिंदू आतंकवाद पर दिए गए बयान के लिए कमल हासन की जीभ काट ली जानी चाहिए। उन्होंने अल्पसंख्यकों का वोट पाने के लिए ऐसा बयान दिया है। राजेंद्र बालाजी ने कहा कि किसी एक व्यक्ति की हरकत के लिए पूरे समुदाय को दोष नहीं दिया जा सकता है। चुनाव आयोग को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए और अभिनेता के खिलाफ एक्शन उठाया जाना चाहिए। इसके साथ ही राजेंद्र बालाजी ने मांग की कि कमल हासन की पार्टी पर बैन लगाया जाए।
पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
मक्कल नीधि मैयम (एमएनएम) के प्रमुख कमल हासन इस सीट से पार्टी के प्रत्याशी एस. मोहनराज के लिए प्रचार कर रहे थे, जिस दौरान उन्होंने यह बयान दिया। बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब हासन ने इस प्रकार की कोई टिप्पणी की हो, इससे पहले भी वह 2017 में हिंदू अतिवाद पर बयान देकर विवादों के घेरे में आ चुके हैं।
हिंदू आतंकवाद पर दिया था बयान
इससे पहले तमिल साप्ताहिक पत्रिका 'आनंदा विकटन' में लिखे लेख में कहा कि हिन्दू कैंपों में आतंकवाद घुस चुका है। उन्होंने कहा कि दक्षिणपंथियों ने अब ताकत का उपयोग करना शुरू कर दिया। अब कोई नहीं कह सकता कि हिंदू आतंकवाद का वजूद नहीं है। अब यह हकीकत बन चुका है। उन्होंने कहा कि पहले हिंदू दक्षिणपंथी अन्य धार्मिक समूहों के साथ अपने विवादों पर सिर्फ बौद्धिक बहस किया करते थे, लेकिन जैसे ही यह तरीका नाकाम होने लगा, उन्होंने हिंसा का रास्ता अपना लिया। हासन ने लिखा कि हिंदुओं में बाहुबल के प्रदर्शन में बढ़ोतरी की सबसे अच्छी मिसाल तमिलनाडु के धार्मिक उत्सवों में देखने को मिल रही है।