अवनी चतुर्वेदी मध्य प्रदेश के रीवा की रहने वाली हैै। अवनि का भाई भी सेना में है। गुजरात के वड़ोदरा की रहनी वाली मोहना के पिता वायुसेना में सार्जेंट है। मथुरा की रहने वाली भावना के परिवार का कोई भी सेना में नहीं है। हैदराबाद की एयरफोर्स एकेडमी में पासिंग आउट परेड समारोह में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी मौजूद रहेे।वायुसेना ने इन लड़कियों की ट्रेनिंग का वीडियो भी जारी किया है। इसमें तीनों महिला पायलटों के एक साल की ट्रेनिंग दिखाई गई है।
पासिंग आउट परेड के बाद भी तीनों महिला पायलट को एडवांस जेट ट्रेनर, हॉक पर छह महीने की ट्रेनिंग कर्नाटक के बीदर में और करनी होगी। उसके बाद ही ये सुखोई, मिराज और जगुआर जैसे सुपरसोनिक फाइटर एयरक्राफ्ट्स उड़ा पाएंगी। अभी तक महिलाएं वायुसेना में काम तो कर सकती थी। लेकिन उन्हें ऐसे काम दिए जाते थे जहां उनका मुकाबला सीधे दुश्मन से ना हो। महिलाओं को युद्ध-क्षेत्र में जाने की मनाही थी। लेकिन अब महिला पायलट्स को फाइटर प्लेन उड़ाने और युद्ध के मैदान में दुश्मन से लड़ने की अनुमति दे दी गई है।
अभी तक वायुसेना में महिलाएं केवल ट्रांसपोर्ट विमान और हेलीकॉप्टर ही उड़ा सकती थीं। इसके अलावा महिलाएं प्रशासनिक, एटीसी और शिक्षा विंग में भी काम करतीं थीं। वायुसेना में फिलहाल 1300 महिला अधिकारी है। इनमें से 94 महिला पायलट हैं।