Advertisement

वायुसेना के लड़ाकू बेड़े में शामिल होकर अवनि, भावना और मोहना ने रचा इतिहास

अवनी चतुर्वेदी, भावना और मोहना सिंह ने अपनी बहादुरी और कौशल से नया इतिहास रच दिया है। पहली बार ये तीन जांबाज लड़कियां वायुसेना में फाइटर पायलट के तौर पर शनिवार को शामिल हुईं। ऐसा गौरव पाकर इन्‍होंने महिला जगत को और रोशन कर दिया है। हैदराबाद में इन्‍होंने बकायदा पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया। फाइटर पायलट बनने का मतलब युद्ध की स्थिति में अवनि, भावना और मोहना लड़ाई में इस्तेमाल सुखोई जैसे विमान उड़ाएंगी। तीनों वायुसेना अधिकारी तो पहले से ही हैं। अब उन्हें लड़ाकू बेड़े में शामिल किया गया है।
वायुसेना के लड़ाकू बेड़े में शामिल होकर अवनि, भावना और मोहना ने रचा इतिहास

अवनी चतुर्वेदी मध्य प्रदेश के रीवा की रहने वाली हैै। अवनि का भाई भी सेना में है। गुजरात के वड़ोदरा की रहनी वाली मोहना के पिता वायुसेना में सार्जेंट है। मथुरा की रहने वाली भावना के परिवार का कोई भी सेना में नहीं है। हैदराबाद की एयरफोर्स एकेडमी में पासिंग आउट परेड समारोह में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी मौजूद रहेे।वायुसेना ने इन लड़कियों की ट्रेनिंग का वीडियो भी जारी किया है। इसमें तीनों महिला पायलटों के एक साल की ट्रेनिंग दिखाई गई है। 

पासिंग आउट परेड के बाद भी तीनों महिला पायलट को एडवांस जेट ट्रेनर, हॉक पर छह महीने की ट्रेनिंग कर्नाटक के बीदर में और करनी होगी। उसके बाद ही ये सुखोई, मिराज और जगुआर जैसे सुपरसोनिक फाइटर एयरक्राफ्ट्स उड़ा पाएंगी। अभी तक महिलाएं वायुसेना में काम तो कर सकती थी। लेकिन उन्हें ऐसे काम दिए जाते थे जहां उनका मुकाबला सीधे दुश्मन से ना हो। महिलाओं को युद्ध-क्षेत्र में जाने की मनाही थी। लेकिन अब महिला पायलट्स को फाइटर प्लेन उड़ाने और युद्ध के मैदान में दुश्मन से लड़ने की अनुमति दे दी गई है।

अभी तक वायुसेना में महिलाएं केवल ट्रांसपोर्ट विमान और हेलीकॉप्टर ही उड़ा सकती थीं। इसके अलावा महिलाएं प्रशासनिक, एटीसी और शिक्षा विंग में भी काम करतीं थीं। वायुसेना में फिलहाल 1300 महिला अधिकारी है। इनमें से 94 महिला पायलट हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad