दुनियाभर में 21 जून को चौथा योग दिवस मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 27 सितंबर 2014 को दुनियाभर में योग दिवस मनाने का आह्वान किया था। नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर गुरुवार को देहरादून के वन अनुसंधान केंद्र के मैदान पर योगाभ्यास किया। यहां लगभग 50 हजार लोगों के एकसाथ योग करने का दावा किया गया। इससे पहले इस कार्यक्रम में मोदी ने योग की महत्ता बताई।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सभा को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री मोदी ने कहा, "आज तेजी से बदलते समय में, योग व्यक्ति के शरीर, मस्तिष्क और आत्मा को एक साथ जोड़ता है। देहरादून से डबलिन तक, शंघाई से शिकागो तक, जकार्ता से जोहान्सबर्ग तक, योग ही योग है।
योग और इसकी वैश्विक पहुंच की शक्ति पर जोर देते हुए प्रधान मंत्री मोदी ने कहा, "योग दुनिया के लिए भारत का उपहार है। यह कल्याण के लिए एक पासपोर्ट है। दुनिया ने योग को गले लगा लिया है। दरअसल, योग दिवस अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण की खोज में सबसे बड़े जन आंदोलनों में से एक बन गया है।" प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत योग का शीर्ष राजदूत है।
प्रधान मंत्री मोदी ने कहा, "हमें अपनी संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। तब दुनिया हम पर गर्व करेगी। इसके विपरीत, अगर हम अपनी परंपरा और संस्कृति पर संदेह करते हैं तो दुनिया हमारे ऊपर विश्वास नहीं रखेगी।"
बता दें कि 21 जून, 2015 को योग का पहला अंतर्राष्ट्रीय दिवस पूरे विश्व में मनाया गया था, जहां प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी समेत 30,000 से अधिक लोगों ने नई दिल्ली में राजपथ में योग आसन (मुद्रा) का प्रदर्शन किया था।
27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में अपने भाषण के दौरान प्रधान मंत्री मोदी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दिवस योग का विचार सबसे पहले प्रस्तावित किया गया था।