इसरो ने मंगलवार को चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (एलपीडीसी) द्वारा 19 अगस्त को लगभग 70 किमी की ऊंचाई से ली गई चंद्रमा की तस्वीरें जारी कीं।
बेंगलुरु मुख्यालय वाली राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, "एलपीडीसी तस्वीरें, मिशन के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) की सहायता करती हैं, जो बुधवार को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग करने के लिए निर्धारित है, ताकि वे ऑनबोर्ड चंद्रमा संदर्भ मानचित्र के साथ मिलान करके अपनी स्थिति (अक्षांश और देशांतर) निर्धारित कर सकें।"
इसरो ने सोमवार को लैंडर हैज़र्ड डिटेक्शन एंड अवॉइडेंस कैमरा (एलएचडीएसी) द्वारा ली गई चंद्र सुदूर क्षेत्र की तस्वीरें जारी कीं। यह कैमरा जो उतरते समय सुरक्षित लैंडिंग क्षेत्र का पता लगाने में सहायता करता है - बिना बोल्डर या गहरी खाइयों के - अहमदाबाद स्थित अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी), जो इसरो का एक प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र है, द्वारा विकसित किया गया है।
चंद्रयान -3 मिशन पर केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा, "यह हर भारत के लिए गर्व का क्षण होगा...भारत उस स्थिति में पहुंच गया है जहां वह चंद्रमा पर अपना उपकरण भेज सकता है...मैं विक्रम को चंद्रमा की सतह पर उतरते देखने का इंतजार कर रहा हूं।"
#WATCH यह हर भारत के लिए गर्व का क्षण होगा...भारत उस स्थिति में पहुंच गया है जहां वह चंद्रमा पर अपना उपकरण भेज सकता है...मैं विक्रम को चंद्रमा की सतह पर उतरते देखने का इंतजार कर रहा हूं: चंद्रयान -3 मिशन पर केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन, दिल्ली pic.twitter.com/PBF09pOKUy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 22, 2023
इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 के मिशन उद्देश्यों को हासिल करने के लिए लैंडर में एलएचडीएसी जैसी कई उन्नत प्रौद्योगिकियां मौजूद हैं। 14 जुलाई को लॉन्च किया गया चंद्रयान-3, चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने में एंड-टू-एंड क्षमता प्रदर्शित करने के लिए चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है।