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भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश बने न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने बुधवार को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।...
भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश बने न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने बुधवार को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में उन्हें शपथ दिलाई।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित से भारत की न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण किया, जिन्होंने मंगलवार को पद छोड़ दिया।

जस्टिस चंद्रचूड़ दो साल के लिए चीफ जस्टिस के रूप में काम करेंगे। चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश यूयू ललित ने की थी, जिसके बाद कानून मंत्रालय ने राष्ट्रपति से मंजूरी मांगी थी। जिस पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने अपनी मुहर लगा दी।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ भी चीफ जस्टिस रह चुके हैं। यह एकमात्र पिता-पुत्र की जोड़ी है, जो इस शीष पद पर पहुंची है। पूर्व चीफ जस्टिसI वाईवी चंद्रचूड़ 1978 में मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए थे और 1985 में सेवानिवृत्त हुए थे। 7 साल तक कार्य करने का सबसे लंबा कार्यकाल भी उन्हीं के नाम है। डीवाई चंद्रचूड़ ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से कानून में दो डिग्री प्राप्त की थी। 39 वर्ष की उम्र में वह वरिष्ठ अधिवक्ता बनने वाले भारत के सबसे कम उम्र के वकीलो में थे।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त किए गए थे। इससे पहले वो 31 अक्टूबर 2013 से इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे। उससे पहले 29 मार्च 2000 को वो बॉम्बे हाईकोर्ट के जज बनाए गए थे। 1998 में उन्हें भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया था।

 

 



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