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मोदी सरकार का फरमान, केंद्रीय विद्यालय रोजाना फहराएं तिरंगा

केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की ओर से अपने संस्थान परिसरों में प्रमुखता से राष्ट्रीय ध्वज फहराने का प्रण किए जाने के कुछ दिनों बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सभी केंद्रीय विद्यालयों को अपने स्कूल की इमारतों पर रोजाना तिरंगा फहराने का आदेश दिया है।
मोदी सरकार का फरमान, केंद्रीय विद्यालय रोजाना फहराएं तिरंगा

जेएनयू विवाद के बाद राष्ट्रवाद पर जारी बहस के बीच एक और कदम उठाते हुए सरकार ने सभी केंद्रीय विद्यालयों को रोजाना तिरंगा फहराने का फरमान जारी किया है। केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशासन (केवीएस) ने सभी प्रधानाचार्यों से कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि सुबह की सभा के दौरान किसी प्रमुख जगह पर तिरंगा फहराया जाए ताकि सभी छात्र हर रोज तिरंगे को सलाम कर सकें। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी केवीएस की अध्यक्ष हैं। केवीएस भारत और विदेशों में एक हजार से ज्यादा स्कूल संचालित करता है।

 

केवीएस के अतिरिक्त आयुक्त यू एन खवारे ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को लिखे पत्र में कहा है, जैसा कि आपको पता है, भारत का राष्ट्रीय ध्वज देश के सम्मान और आजादी का प्रतीक है। यह हमारे लिए काफी अहमियत रखता है। हमें अपने राष्ट्रीय ध्वज का आदर करना चाहिए और उसके बारे में हर चीज जानना चाहिए। आपको यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि केंद्रीय विद्यालयों एवं क्षेत्रीय कार्यालयों के भवनों पर हर सुबह तिरंगा फहराया जाए और सूर्यास्त से पहले झंडे को उतार लिया जाए। खवारे ने पत्रा में लिखा, इसके अलावा, आपके क्षेत्र के प्रधानाचार्यों को भी यह निर्देश दिया जाना चाहिए कि सुबह की सभा के वक्त किसी प्रमुख स्थान पर तिरंगा फहराया जाए ताकि सभी छात्र हर रोज तिरंगे को सलाम कर सकें। केवीएस के इस वरिष्ठ अधिकारी ने अपने पत्र में सभी क्षेत्रीय कार्यालयों एवं स्कूलों में ध्वज संहिता का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिया है।

 

गौरतलब है कि इस महीने की शुरूआत में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हरियाणा के सूरजकुंड में केंद्रीय विश्वविद्यालयों की एक बैठक बुलाई थी जिसमें कुलपतियों ने प्रण किया था कि वे अपने संस्थानों में प्रमुखता से राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। जेएनयू में कथित भारत-विरोधी प्रदर्शनों पर हुए विवाद की पृष्ठभूमि में यह कदम उठाया गया था। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने उस वक्त कहा था कि उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्रों में एकता एवं अखंडता की भावना का संचार करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

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