ग्रेटर नोएडा के भट्टा-परसौल गांव से शुक्रवार को पैदल मार्च शुरू हुआ था और रविवार रात राजघाट पहुंचा। जहां से कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जंतर-मंतर की ओर कूच किया। भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन अधिनियम 2013 में पारदर्शिता एवं उचित मुआवजे के अधिकार के लिये प्रस्तावित संशोधन के लिये लाये गये विधेयक के लोकसभा में पारित होने के बाद इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने आउटलुक से कहा कि यह काला कानून है और इसका विरोध कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से करेगी। पायलट के मुताबिक कांग्रेस इस विधेयक को किसी भी सूरत में पारित होने नहीं देगी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश बताया कि संशोधनों के खिलाफ संसद और बाहर लड़ाई जारी रहेगी। हम इसके खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखेंगे। विधेयक में सहमति के प्रावधान को हटाने के सरकार के कदम पर राजबब्बर ने आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा , हम पूरी तरह संशोधनों के खिलाफ हैं।
प्रस्तावित कानून में किसानों को अपने जमीन के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। अगर मैं आपसे केवल कलम लेता हूं तो भी आपसे पूछूंगा। तब कैसे किसी किसान से , जिसके लिए जमीन उसकी मां होती है , बिना उसकी सहमति के इसे दूसरे के हवाले करने को कैसे कहा जा सकता है। सुरजेवाला ने कहा कि किसानों के साथ मिल कर कांग्रेस का यह आंदोलन मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र के किसान विरोधी रैवये को बेनकाब कर सकें। उन्होंने कहा यह भट्टा-परसौल से संसद तक भारतीय युवक कांग्रेस की रैली है। मोदी का काला कानून गायब हो जाएगा। भाजपा का किसान विरोधी चेहरा बेनकाब हो जाएगा। कांग्रेस और किसान दोनों की जीत होगी।