मुंबई के 26/11 हमलों के सिलसिले में अमेरिका में दोषी ठहराए गए और भारत में वादा माफ गवाह बने 55 वर्षीय हेडली ने यह बात अबु जुंदाल के वकील अब्दुल वहाब खान के साथ जिरह के दौरान दूसरे दिन अमेरिका से वीडियो लिंक के माध्यम से कही। जुदांल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले का कथित मुख्य साजिशकर्ता है। हेडली ने अदालत को यह भी बताया कि उसने शिवसेना भवन का दो बार मुआयना किया था, लेकिन वह वहां जाने का वर्ष नहीं बता सका।
हेडली ने अदालत को बताया, हम शिवसेना प्रमुख को निशाना बनाना चाहते थे, उनका नाम बाल ठाकरे था। जब कभी मौका मिलता लश्कर उन्हें मारना चाहती थी। मैं जानता था कि बाल ठाकरे शिवसेना के अध्यक्ष थे। मेरे पास प्रत्यक्ष सूचना नहीं है लेकिन मेरे ख्याल से लश्कर ने बाल ठाकरे को मारने की कोशिश की थी। हेडली ने कहा, मैं नहीं जानता कि यह कोशिश कैसे की गई। मेरे ख्याल से जिस व्यक्ति को ठाकरे को मारने के लिए भेजा गया था उसे गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन वह पुलिस हिरासत से फरार होने में सफल रहा। बहरहाल, मुझे इस बारे में प्रत्यक्ष जानकारी नहीं है।
हेडली ने जुंदाल के खिलाफ 26/11 आतंकी मामले की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश जीए सनप को बताया कि उसे यह जानकारी नहीं है कि ठाकरे के अलावा लश्कर के निशाने पर और कौन था। हेडली ने बुधवार को अदालत को यह भी बताया कि अमेरिका ने एक बार उसकी पाकिस्तान यात्रा का वित्तपोषण किया था। साथ ही उसने यह भी दावा किया कि उसने मुम्बई आतंकवादी हमले से दो वर्ष पहले वर्ष 2006 तक लश्कर को करीब 70 लाख रूपये का दान दिया था। जिरह के दौरान हेडली ने अपनी पत्नी शाजिया के बारे में सवालों के जवाब देने से इनकार करते हुए यह भी बताने से मना कर दिया कि उसकी पत्नी अमेरिका में है या पाकिस्तान में। उसने कहा, शाजिया अब भी कानूनी रूप से मेरी पत्नी है। मैं वर्तमान में शाजिया के निवास स्थान के बारे में नहीं बताउंगा। मैं अपनी पत्नी शाजिया के बारे में किसी भी सवाल का जवाब नहीं देना चाहता।
अमेरिका से वीडियो लिंक के जरिये मुंबई के सत्र अदालत के समक्ष हेडली की पहली गवाही का दौर फरवरी में एक हफ्ता लंबा चला था। पहले दौर की गवाही में हेडली ने बताया था कि कैसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने आर्थिक, सैन्य और नैतिक समर्थन आतंकी संगठन लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन को उपलब्ध कराया था और लश्कर ने कैसे 26/11 आतंकी हमले की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। अपनी गवाही में हेडली ने यह भी दावा किया था कि गुजरात में कथित फर्जी मुठभेड़ में मारी गईं इशरत जहां लश्कर की कारिंदा थी।