साध्वियों से रेप के 15 साल पुराने दो मामलों में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार को 10-10 साल यानी कुल 20 साल की सजा सुनाई। दोनों सजाएं अलग-अलग चलेंगी यानी एक सजा पूरी होने के बाद दूसरी शुरू होगी। इसके अलावा कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम पर 15-15 लाख रुपये यानी कुल 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसमें से 14-14 लाख रुपये दोनों पीड़िताओं को मुआवजे के तौर पर दिए जाएंंगे।
रोहतक की सुनारिया जेल में बनी अस्थायी अदालत में सजा का ऐलान करते हुए सीबीआई की विशेष अदालत के जज जगदीप सिंह ने डेरा प्रमुख के साथ नरमी बरतने की मांग को सिरे से खारिज कर दिया। सजा सुनाते हुए जज ने कहा, पीड़िताओं ने उसे भगवान माना लेकिन उसने ‘जानवरों’ जैसा सलूक किया। अपनी शिष्यों तक को नहीं बख्शा। ऐसा व्यक्ति माफी के काबिल नहीं है। ऐसे आपराधिक कृत्यों से आध्यात्मिक, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं की छवि धूमिल हुई है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, अदालत का फैसला पढ़ा गया तो गुरमीत राम रहीम रो पड़ा और हाथ जोड़कर रहम की गुहार लगाने लगा।
बीते शुक्रवार को अदालत ने डेरा प्रमुख को बलात्कार के इस मामले में दोषी कराया था, जिसके बाद उसके समर्थकों ने कई राज्यों में जमकर आतंक मचाया था, जिसमें कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई। हिंसा की आशंका के मद्देनजर सोमवार को हरियाणा और पंजाब में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया था।
काम नहीं आई समाज सेवा की दलील
डेरा प्रमुख की सजा पर बहस के दौरान अदालत ने बचाव पक्ष की दलीलों को मानने से इनकार कर दिया। बचाव पक्ष का तर्क था कि गुरमीत राम रहीम लंबे समय से समाज सेवा कर रहे हैं इसलिए सजा में नरमी बरती जानी चाहिए। लेकिन जज जगदीप सिंह ने इन दलीलों को नहीं माना और बलात्कार के दोनों मामलों में 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इस तरह डेरा प्रमुख को कुल 20 साल जेल में बिताने पड़ेंगे।
फैसले की जानकारी देते हुए सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि रेप के दोनों मामलों में 10-10 साल की सजा के अलावा उन पर 15-15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। बचाव पक्ष के वकील एसके गर्ग नरवाना ने बताया कि दोनों सजाएं कुल 20 साल चलेंगी।
हाथ जोड़कर रोने लगा बाबा
सुनवाई के समय गुरमती राम रहीम हाथ जोड़े खड़ा रहा। जज जगदीप सिंह ने दोनों पक्षों को 10-10 मिनट बहस के लिए समय दिया था। पहले मामले में सजा का ऐलान होतेे ही वह फूट-फूटकर रोने लगा था। जब रेप के पहले मामले में उसे 10 साल की सजा सुनाई गई तो दोनों हाथ जोड़कर जमीन पर बैठ गया और माफी की गुहार लगाने लगा। उसने कोर्ट रूम से बाहर निकलने के लिए मना कर दिया।
कड़ी सुरक्षा के बीच जेल में लगी अदालत
कड़ी सुरक्षा के बीच इस महत्वपूर्ण फैसले के लिए रोहतक की सुनारिया जेल को अस्थायी अदालत में तब्दील कर दिया था। सजा सुनाने के लिए जज को चंडीगढ़ से हेलीकॉप्टर के जरिए रोहतक लाया गया। सुरक्षा के मद्देनजर रोहतक में देखते ही गोली मारने के आदेश थे। रोहतक की सुनारिया जेल के अंदर और बाहर सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए गए थे। रोहतक में पैरामिलिट्री फोर्स की 23 कंपनियां तैनात की गई थीं। राम रहीम की सजा के मद्देेनजर गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक पहले हो चुकी थी। बैठक में एनएसए अजीत डोभाल के अलावा, गृह सचिव, आईबी चीफ और अर्धसैनिक बलों के अधिकारी मौजूद रहे।
हरियाणा में हालात शांतिपूर्ण
इससे पहले पंचकूला में कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद डेरा समर्थकों ने जमकर हंगामा किया था, जिसमें 38 लोगों की मौत हो गई थी। लेकिन आज डेरा प्रमुख की सजा का ऐलान होने के बाद सिरसा में छिटपुट घटनाओं को छोड़कर राज्य में फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है। रोहतक और सिरसा के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। कई जगह इंटरनेट मोबाइल सेवाएं बंद हैं और स्कूल-कॉलेजों की छुट्टियां कर दी गई थी।
सिरसा में समर्थकों ने फूंकी दो गाड़ियां
डेरा प्रमुख की सजा का ऐलान होने से पहले ही सिरसा में उसके समर्थकों ने उपद्रव मचाना शुरू कर दिया था। मिली जानकारी के अनुसार, सिरसा के फूल्का गांव में सोमवार को डेरा समर्थकों ने 2 कार में आग लगा दी। सोनीपत में राम रहीम के डेरे और उसके आस-पास से भारी मात्रा में लाठी-डंडे और अन्य हथियार बरामद हुए हैं।