बीते तीन महीने में भाजपा ने अपने शासित कई राज्यों में मुख्यमंत्री बदले हैं और नए लोगों को मौका दिया है। उत्तराखंड, कर्नाटक और फिर गुजरात में मुख्यमंत्री बदलकर भाजपा आलाकमान ने अपने नेताओं को ये स्पष्ट संदेश दे दिया है कि यदि सत्ता चलाने वाले नॉन परफॉर्मर रहे तो उन्हें अपनी कुर्सी खोनी पड़ सकती है।
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अब जिन राज्यों में भाजपा की अगुवाई वाले मुख्यमंत्री हैं, उनके सिर पर बल पड़ता नजर आ रहा है। आलम मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में भी है। एमपी के शिवराज सिंह चौहान बीजेपी के कद्दावर नेता हैं। राज्य में लंबे समय शिवराज की अगुवाई में भाजपा का शासन रहा है। इस वक्त भी कांग्रेस की अगुवाई वाली कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद से सीएम शिवराज सिंह चौहान हैं। वहीं, हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर- दोनों का दिल्ली में कई दिनों से आने-जाने का सिलसिला जारी है।
विपक्ष सवाल उठा रहा है कि चिंता कुर्सी की है। वहीं, पिछले दिनों गुजरात बदलाव के बाद एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि पता नहीं कब किसकी कुर्सी चली जाए, पता नहीं। चिंता सभी को बनी हुई है।
मध्य प्रदेश में खंडवा लोकसभा सीट और रैगांव, पृथ्वीपुर तथा जोबट विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। पृथ्वीपुर और जोबट पर पहले कांग्रेस का और बाकी दो सीटों पर भाजपा का कब्जा था। सत्तारूढ़ भाजपा चारों सीटें जीत कर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव का आधार मजबूत करना चाहती है। लेकिन, दमोह उपचुनाव में मिली हार के बाद पार्टी काफी सतर्क है और उसे जीत की राह आसान नहीं लग रही है।
अब एमपी में ताजा घटनाक्रम ने शिवराज सिंह चौहान की भी नींद उड़ा दी है। दरअसल, गृहमंत्री अमित शाह ने शिवराज की मौजूदगी में बीजेपी सांसद राकेश सिंह की तारीफ करके मुख्यमंत्री के ऊपर दबाव और बढ़ा दिया है। इसके बाद से ही शिवराज सिंह चौहान अपनी छवि चमकाने में लग गए हैं और इसके लिए वह हर दिन मैराथन बैठकें कर रहे हैं।
पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मध्य प्रदेश के जबलपुर में गोंडवाना साम्राज्य के अमर शहीद शंकर शाह और रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम के दौरान शाह ने पूर्व बीजेपी चीफ और सांसद राकेश सिंह की तारीफ की। खबरों के मुताबिक, शाह के दौरे के बाद से शिवराज ने गवर्नेंस को फोकस में रखते हुए कई बैठके की हैं।
शिवराज अपने राज्य के अधिकारियों को लगातार यह याद दिला रहे हैं मध्य प्रदेश 'गुड गवर्नेंस' के मॉडल के तौर पर स्थापित हो। अमित शाह 18 सितंबर को जबलपुर पहुंचे थे। इसके एक दिन बाद ही शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल मंगुभाई पटेल से मुलाकात की। इस मुलाकात को कांग्रेस नेताओं ने 'असामान्य' तक बता दिया।
इसके बाद सोमवार को शिवराज ने भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों संग मुलाकात की। यहां शिवराज ने कहा, 'मैं अधिकारियों को उनके काम के आधार पर आकूंगा। हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनानी होगी। राज्य को गुड गवर्नेंस का मॉडल बनाना चाहिए और अपनी ड्यूटी न निभा पाने वाले हर अधिकारी को सजा दी जाएगी।' शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों से माफियाओं के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने को कहा।
बलिदान दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान शाह ने इसके आयोजक सिंह की तारीफ करते हुए कहा, 'जिनके निमंत्रण पर मैं यहां आया हूं और जो सही मायने में नेतृत्व कर रहे हैं, हमारे राकेश सिंह जी।' इस कार्यक्रम में सीएम शिवराज भी मौजूद थे। शाह ने यह बयान दो अलग-अलग कार्यक्रमों में दिया, जिससे यह साफ था कि वह जबलपुर में सांसद राकेश सिंह के न्योते पर ही पहुंचे थे।