संजीव चतुर्वेदी को हाल ही में उनकी नेतृत्व क्षमता के लिए प्रतिष्ठित रेमन मैगसायसाय अवार्ड मिला था। एम्स के निदेशक को लिखे एक पत्र में संजीव चतुर्वेदी ने कहा है कि अस्पताल उनकी ईनामी राशि का इस्तेमाल गरीब मरीजों खासकर कैंसर पीड़ितों के इलाज के लिए कर सकता है। उल्लेखनीय है कि चतुर्वेदी को कुल 19.85 लाख रुपये की धनराशि अवार्ड में मिली थी, जिसमें से करीब 5.63 लाख रुपये एडवांस टैक्स के तौर पर जमा करानी है। इस तरह करीब 12 लाख रुपये वह मरीजों के इलाज के लिए देने जा रहे हैं।
चतुर्वेदी ने एम्स से आग्रह किया है कि मेडिकल अधीक्षक की निगरानी में इस धनराशि के इस्तेमाल का अलग से ब्यौरा रखा जाए। उल्लेखनीय है कि 2002 बैच के हरियाणा कैडर के आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को हाल ही में उत्तराखंड कैडर दिया गया है। एम्स में सतर्कता अधिकारी रहते हुए उन्होंने यहां कई तरह के घोटाले और गड़बड़ियां उजागर की थीं। हरियाणा में भी चतुर्वेदी ने सरकार के भीतर और बाहर भ्रष्टाचार के कई मामलों की पोल खोली थी। कई बार उन्हें सिस्टम से टकराव का खामियाजा भी भुगतना पड़ा और उनका कई प्रकार से उत्पीड़न भी हुआ। लेकिन वह भ्रष्टाचार के खिलाफ डटे रहे।