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महात्मा गांधी के पोते कनुभाई का निधन, सूरत में हुआ अंतिम संस्कार

महात्मा गांधी के पोते कनुभाई का सोमवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। आज सूरत में उनका अंतिम संस्कार किया गया। कांग्रेस और भाजपा के कई नेताओं के साथ सैकड़ों लोगों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
महात्मा गांधी के पोते कनुभाई का निधन, सूरत में हुआ अंतिम संस्कार

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 87 वर्षीय पोते कनुभाई गांधी का कल सूरत के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था जहां उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद भर्ती किया गया था। कनुभाई की पत्नी शिवलक्ष्मी गांधी ने अपनी भांजी नीलमबेन पारिख की मौजूदगी में उमरा श्मशान में आज दोपहर के बाद उनकी चिता को मुखाग्नि दी। नीलमबेन पारिख अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए नवसारी से यहां आई हुई हैं। इससे पहले उनका पार्थिव शरीर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए करीब दो घंटे तक पी एन अरोड़ा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित अस्पताल में रखा गया। कनुभाई के अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों में पूर्व सांसद तुषार चौधरी, सूरत के पूर्व विधायक धीरूभाई गजेरा, कांग्रेस के नगर अध्यक्ष हसमुख देसाई सहित कांग्रेस के कई नेता और गुजरात के मंत्री ननुभाई वनानी समेत भाजपा के कई नेताओं के साथ सूरत की मेयर अस्मिता बेन शिरोया भी थे।

कनुभाई, महात्मा गांधी के तीसरे बेटे रामदास गांधी के पुत्र थे। वह अपनी पत्नी के साथ पिछले तीन महीने से पंजाबी समाज द्वारा चलाए जा रहे राधा कृष्ण मंदिर के एक आवास में रह रहे थे। कनुभाई नासा के एक पूर्व वैज्ञानिक थे। महात्मा गांधी द्वारा गुजरात के दांडी में नमक सत्याग्रह का नेतृत्व करने के दौरान उनकी टहलने वाली छड़ी खींचते हुए कनुभाई की एक तस्वीर बहुत प्रसिद्ध हुई थी। कनुभाई चार दशक तक अमेरिका में रहने के बाद 2014 में भारत वापस लौट आए थे। मैसाच्यूट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से स्नातक कनुभाई ने अमेरिका के रक्षा विभाग में लड़ाकू विमान के डैने की संरचना पर भी काम किया था। उन्होंने अपना शेष जीवन अपनी पत्नी के साथ भारत में बिताने का फैसला किया था।

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