महाराणा प्रताप एक बहादुर योद्धा, सफल संगठनकर्ता और कुशल रणनीतिकार महाराणा प्रताप निर्भीकता पूर्वक मुगलों से लड़ते रहे और उन्होंने मरते दम तक अपनी जनता की रक्षा की। अपने देश और जनता के सम्मान को पुन: प्राप्त करने के लिए महाराणा प्रताप द्वारा बहादुरी और निर्भीकता पूर्वक लड़ाई लड़ने की कहानियां आज भी युवा पीढ़ी को अपनी मातृभूमि के सम्मान हेतु बहादुरी के कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।
वर्ष 2015-16 के दौरान महाराणा प्रताप के 475वें जंयती समारोहों का आयोजन केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और राजस्थान सरकार साथ मिलकर कर रहे हैं। 4 मार्च 2016 को राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एवं लाइब्रेरी (एनएमएमएल) द्वारा महाराणा प्रताप के बारे में एक सम्मेलन और विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसका पूरा खर्च संस्कृति मंत्रालय ने वहन किया। केंद्र और राजस्थान सरकार ने महाराणा प्रताप की स्मृति में खेल गांव, उदयपुर में एक बहुउद्देशीय इंडोर स्टेडियम का निर्माण करने का निर्णय लिया है, इस उद्देश्य के लिए संस्कृति मंत्रालय राजस्थान सरकार को 9 करोड़ 50 लाख रुपये देने पर सहमत हो गया है।