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मालेगांव विस्फोट मामला: अदालत ने आठ आरोपियों को किया बरी

मुंबई की एक विशेष अदालत ने साल 2006 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में आठ मुस्लिम युवकों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
मालेगांव विस्फोट मामला: अदालत ने आठ आरोपियों को किया बरी

महाराष्ट्र की विशेष मकोका अदालत के न्यायाधीश वीवी पाटिल ने नासिक के पास मालेगांव में एक मस्जिद के निकट स्थित कब्रिस्तान के बाहर हुए श्रंखलाबद्ध बम विस्फोटों के करीब दस साल बाद सभी आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया। आठ सितंबर 2006 को हुई इस घटना में 37 लोग मारे गए थे जबकि सौ से अधिक घायल हुए थे। शब ए बारात के मौके पर मस्जिद में जब शुक्रवार की नमाज पढ़ी जा रही थी, तभी कब्रिस्तान के पास खडी एक साइकिल में रखे बम में धमाका हुआ था। आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने इस मामले में गिरफ्तार नौ आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। इनमें से एक आरोपी की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। बाद में जांच संभालने वाली सीबीआई ने भी उनके खिलाफ आरोपों की पुष्टि की थी। लेकिन इसके बाद एनआईए से जांच करने को कहा गया और एजेंसी ने बहुसंख्यक समुदाय के लोगों को गिरफ्तार किया जो अब भी इस मामले में आरोपी हैं।

 

न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि वह आठ आरोपियों का आरोपमुक्त करने का अनुरोध स्वीकार करते हैं क्योंकि उनका दोष साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। इस मामले में आरोपमुक्त हुए सभी आठ आरोपी जमानत पर थे और अपनी याचिका पर फैसला सुनने आज अदालत में मौजूद थे। जैसे ही न्यायाधीश ने आदेश सुनाया, आरोपियों की आंखों में आंसू आ गए और उनका चेहरा मुस्कान के साथ खिल गया और वह उनके साथ मौजूद रिश्तेदारों के गले मिले। एनआईए ने अदालत को जानकारी दी थी कि इस मामले में जांच में उनके द्वारा एकत्रित सबूत एटीएस और सीबीआई द्वारा पहले एकत्रित सबूतों से मेल नहीं खाते हैं। एनआईए ने अदालत से उचित आदेश पारित करने का अनुरोध करते हुए कहा, एटीएस द्वारा दायर अंतिम रिपोर्ट और नौ आरेापियों के अभियोजन की सिफारिश के लिए सीबीआई द्वारा दायर पूरक अंतिम रिपोर्ट में निकाले गए निष्कर्ष के समर्थन में कोई सबूत नहीं मिला।

 

मालेगांव के रहने वाले आठ आरोपियों ने इस मामले में आरोपमुक्त करने का अनुरोध करते हुए कहा था कि अदालत के पास सुनवाई से पहले उनके खिलाफ तय आरोप निरस्त करने की शक्ति है। इन आठ आरेापियों में से दो पेशे से डॉक्टर हैं। आरोप मुक्त हुए आठों के नाम हैं, नरूल हुदा समसुदा, रईस अहमद रजब अली मंसूरी, डॉक्टर सलमान फारसी अब्दुल और फरोक इकबाल अहमद मकदूमी, शेख मोहम्मद अली आलम अनामत अली शेख, आसिफ खान बशिर खान, मोहम्मद जाहिद अब्दुल माजिद अंसारी और अबरार अहमद गुलाम अहमद। एक आरोपी की मामले के लंबित होने के दौरान मौत हो गई थी। लोक अभियेाजक ने कहा कि चार अन्य आरोपी रियाज अहमद रफी अहमद, इस्तियाक अहमद मोहम्मद इसाक, मुनवर अहमद मोहम्मद अमीन और मुजम्मिल (पाकिस्तान वासी) अब भी फरार हैं।

 

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