कश्मीर में आतंकियों द्वारा पुलिस को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में रविवार को आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पुलिस के अधिकारी इम्तियाज अहमद मीर की गोली मारकर हत्या कर दी। अब उनके परिवार के एक सदस्य ने सोमवार को फेसबुक पर एक भावुक पोस्ट लिखी। आतंकियों को संबोधित इस खुले खत में इम्तियाज के रिश्तेदार ने लिखा कि तुम लोगों ने एक व्यक्ति को मार डाला जो कश्मीर से प्यार करता था। आओ और हम सभी को मार डालो।
दिवंगत अधिकारी के फेसबुक पेज पर ‘उपनिरीक्षक मीर इम्तियाज के हत्यारों को खुला खत’ शीर्षक से लिखा गया कि उपनिरीक्षक को मारकर ‘तुमलोगों ने एक बूढ़ी मां के प्यारे और एक बूढे बाप के आज्ञाकारी बेटे की हत्या की है। तुमलोगों ने एक ऐसे भाई को मार डाला जो अपने भाई और बहन का एकमात्र सहारा था.. तुमलोगों ने एक उस लड़की के हर सपने को मार डाला जो शादी करना चाहती थी।
पोस्ट में लिखा गया है, 'तुम लोगों ने उस शख्स की हत्या की जिसके सूफी विचार थे, ऐसा व्यक्ति जो सूफीवाद को खूब पढ़ता था। जो काल मार्क्स और हर अलग विचारधारा को पढ़ता था। सबसे अहम बात कि तुमलोगों ने एक ऐसे शख्स को मार डाला जो कश्मीर और उसके लोगों को बेहद प्यार करता था। जिसकी एक मात्र इच्छा खुशहाल कश्मीर को देखना था।'
इस पत्र में लिखा है, 'लेकिन तुमलोगों ने जब उसे मारा तो हम लोगों को क्यों नहीं मारा, तुम लोगों ने उसके मां-बाप, बहन,भाई और उस महिला को क्यों नहीं मारा जिसके साथ वह अपनी बाकी जीवन बिताना चाहता था। कोई उन्हें कैसे सांत्वना दे सकता है। हम सभी उसके हत्यारों से पूछना चाहते हैं कि तुम लोगों ने हम सभी को क्यों नहीं मार डाला? आओ और हमें भी मार डालो।'
घर जाने के लिए बदला था अपना हुलिया, आतंकियों ने बनाया निशाना
बता दें कि रविवार को आतंकियों ने पुलवामा जिले में जम्मू-कश्मीर पुलिस के एसआई इम्तियाज अहमद मीर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मीर का शव जिले के वाहीबुग इलाके में बरामद किया गया था।
इम्तियाज अहमद मीर अपने माता-पिता से मिलने के लिए बेहद बेताब थे। इसके लिए उन्होंने अपनी दाढ़ी काट ली और अपना पूरा हुलिया बदल लिया था ताकि आतंकवादियों से बचते बचाते वह अपने मां-बाप से मिलने जा सकें। लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और आतंकवादियों ने उन्हें पहचान कर उनकी जान ले ली।
‘‘अब वे (आतंकी) मुझे नहीं पहचान पायेंगे।’’
एक अधिकारी ने बताया कि रविवार सुबह उन्होंने घर जाने के लिए छुट्टी ली और अपना हुलिया बदल लिया। उन्होंने अपनी दाढ़ी काट ली और अपने पैतृक गांव जाने के लिए अपने व्यक्तिगत वाहन का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया। घर के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने अपने अधिकारी से आखिरी बार कहा था, ‘‘अब वे (आतंकी) मुझे नहीं पहचान पायेंगे।’’