#MeToo अभियान के तहत लगे आरोपों पर विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने चुप्पी तोड़ी है। विदेश से लौटने के बाद विदेश राज्यमंत्री एम. जे. अकबर ने खुद पर लगे यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के आरोपों पर चुप्पी तोड़ते हुए लीगल ऐक्शन लेने की बात कही है।
उन्होंने आरोपों की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि आम चुनाव से कुछ महीने पहले ही क्यों ऐसी बात उठी है। अकबर ने कहा कि मेरे खिलाफ लगे आरोप झूठे और मनगढंत हैं। उन्होंने कहा कि वह आधिकारिक दौरे पर विदेश में होने की वजह से आरोपों पर पहले जवाब नहीं दे पाए।
विदेश राज्यमंत्री अकबर ने अपने विस्तृत बयान में कहा कि वह खुद के खिलाफ सेक्शुअल असॉल्ट के झूठे आरोप लगाने वालों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा, 'कुछ तबको में बिना किसी सबूत के आरोप लगाने की बीमारी हो गई है। अब मैं लौट आया हूं और आगे क्या कानूनी कार्रवाई की जाए, इसके लिए मेरे वकील इन निराधार आरोपों को देखेंगे।'
पूर्व संपादक से केंद्रीय मंत्री बने एम. जे. अकबर ने कहा, 'आम चुनाव से कुछ महीने पहले ही यह तूफान क्यों उठा? क्या इसमें कोई एजेंडा है? आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं। ये झूठे, निराधार और क्रूर आरोप हैं, जिससे मेरी प्रतिष्ठा को अपूर्णीय क्षति हुई है।' उन्होंने कहा, 'झूठ के पैर नहीं होते, लेकिन वे जहर बुझे होते हैं।'
उन्होंने कहा, 'प्रिया रमानी ने इस अभियान को साल भर पहले एक मैगजीन में आर्टिकल लिखकर शुरू किया। उन्होंने मेरा नाम तक नहीं लिया क्योंकि वह जानती हैं कि यह एक झूठी कहानी है। जब उनसे हाल में पूछा गया तो उन्होंने मेरा नाम क्यों नहीं लिया। उन्होंने एक ट्वीट के जवाब में लिखा- उनका नाम कभी नहीं लिया क्योंकि उन्होंने कुछ भी नहीं किया था।'
अकबर ने कहा, 'शुतापा पॉल कहती हैं- उस आदमी ने मुझ पर कभी भी हाथ नहीं रखा। शुमा राहा कहती हैं- मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि वास्तव में उन्होंने कुछ नहीं किया था। एक और महिला अंजु भारती इस हद तक पहुंच गईं कि दावा किया कि मैं एक स्विमिंग पूल में पार्टी कर रहा था। मैं यह तक नहीं जानता कि तैरते कैसे हैं।'
अकबर ने कहा कि गजाला वहाब की तरफ से भी लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं, जो उनकी प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने की कोशिश है। उन्होंने वहाब के आरोपों को भी झूठा, निराधार और मनगढंत बताया। एम. जे. अकबर ने कहा कि रमानी और वहाब इन कथित घटनाओं के बाद भी मेरे साथ काम किया, जिससे साफ होता है कि उन्हें मेरे साथ काम करने को कोई दिक्कत या चिंता वाली बात नहीं थी। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाले दशकों तक शांत रहे क्योंकि रमानी ने खुद ही कहा है कि मैंने उनके साथ कुछ नहीं किया।
एमजे अकबर पर क्या हैं आरोप
एमजे अकबर पर अब तक 11 से अधिक महिलाओं ने यौन उत्पीड़न जैसे आरोप लगाए हैं। प्रिया रामानी नाम की सीनियर पत्रकार ने ट्वीट किया था कि एमजे अकबर ने होटल रूम में इंटरव्यू के दौरान आपत्तिजनक हरकतें की है। वहीं एक और महिला ने कहा कि सीनियर जर्नलिस्ट रहे अकबर होटल के कमरे में इंटरव्यू लेते थे और महिलाओं को अपने बिस्तर और शराब ऑफर करते थे। एक महिला ने हार्वे विन्सिटन्स ऑफ द वर्ल्ड नाम से लिखे पोस्ट में कहा है कि अकबर गंदे फोन कॉल, टेक्स्ट, और असहज करने वाले कॉम्प्लिेंट्स में माहिर हैं।
पोस्ट में कहा गया, "आप जानते हैं कि कैसे चुटकी काटी जाए। थपथपाया जाए, जकड़ा जाए और हमला किया जाए। आपके खिलाफ बोलने की अब भी भारी कीमत चुकानी पड़ती है। ज्यादातर युवा महिलाएं यह कीमत अदा नहीं कर सकतीं।"
हालांकि जब पोस्ट पब्लिश की गई थी उस समय महिला को प्रताड़ित करने वाला का नाम तो नहीं बताया गया लेकिन इसे लिखने वाली ने अब आरोपों की पुष्टि की है और एम जे अकबर का नाम लिया। एक अन्य महिला ने भी आरोपों की पुष्टि की कि अकबर ने उसके सामने भी कई अश्लील प्रस्ताव रखे थे। 1995 में कोलकाता के ताज बंगाल में अकबर ने उसके सामने ऐसे अश्लील ऑफर दिए थे और उसके बाद उसने जॉब ऑफर ठुकरा दी थी।
इस कड़ी में सबसे ताजा आरोप सीएनएन की एक पत्रकार ने लगाया था। मजली डि पॉय ने अकबर पर आरोप लगाते हुए लिखा था कि जब वे एशियन ऐज में इंटर्नशिप करने आईं थी, उस वक्त के संपादक अकबर ने जबर्दस्ती उन्हें किस किया था। पॉय के अनुसार अकबर उनके पिता के दोस्त थे। पॉय उस वक्त 18 वर्ष की थीं, जबकि एमजे अकबर की उम्र 56 साल की थी।