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नोटबंदी से आतंकियों को मिलने वाले पैसे, मानव-ड्रग्‍स तस्करी पर पड़ी चोट : मोदी

बड़े काॅरपोरेट घरानों और अमीर लोगों की मदद करने के राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार गरीबों के लिए काम करने को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर यह भी कहा कि नोटबंदी से एक ही झटके में काला धन, आतंकवादियों को मिलने वाले पैसे और मानव एवं ड्रग्‍स तस्करी पर चोट पड़ी है।
नोटबंदी से आतंकियों को मिलने वाले पैसे, मानव-ड्रग्‍स तस्करी पर पड़ी चोट : मोदी

नोटबंदी का विरोध कर रही पार्टियों को निशाना बनाते हुए मोदी ने दावा किया कि कुछ लोग निराश हैं, क्योंकि उनके फैसले से चोरों के सरदार पर हमला हुआ है। उत्तराखंड, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, में भाजपा की परिवर्तन महारैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सब्सिडी वाले गैस सिलिंडरों की संख्या नौ से बढ़ाकर 12 करने के संप्रग सरकार के फैसले को किसी बड़े निर्णय की तरह पेश किया गया, जबकि उनकी सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे के पांच करोड़ लोगों को गैस सिलिंडर दिए।

उन्होंने कहा, 18,000 गांवों के लोग बगैर बिजली के रह रहे थे। हमने एक हजार दिन में वहां बिजली पहुंचाने का लक्ष्य तय किया था। एक हजार दिन तो अभी नहीं हुए, लेकिन हमने 12,000 गांवों में बिजली पहुंचा दी। बाकी 6,000 गांवों में बिजली पहुंचाने का काम चल रहा है। यह काम अमीरों के लिए किया जा रहा है या गरीबों को सशक्त बनाने के लिए?

मोदी ने कहा कि 500 और 1000 रूपए के पुराने नोटों को अमान्य करने के फैसले से अल्मारियों में और गद्दे के नीचे रखा गया काला धन अब बैंकों में आ रहा है। उन्होंने कहा कि वह देश को बर्बाद कर चुके काले धन और काले मन से निजात दिलाने के लिए चौकीदार की ड्यूटी निभा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कानून लागू कराने वाली एजेंसियों की ओर से काले धन के जमाखोरों पर की जा रही विभिन्न छापेमारियों का हवाला देते हुए कहा, कुछ लोगों के खून में भ्रष्टाचार है। उन्होंने धन को सफेद करने के लिए पिछले दरवाजे का इस्तेमाल किया और सोचा कि मोदी को यह सब नजर नहीं आएगा। लेकिन हम सब कुछ जानते थे और अब उन्हें पकड़ा जा रहा है।

नोटबंदी को स्वच्छता अभियान करार देते हुए उन्होंने अपना साथ देने के लिए लोगों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम का मकसद लोगों को सशक्त बनाना और उन्हें उज्ज्वल भविष्य देना है।

मोदी ने कहा, मैं ईमानदार को सशक्त बनाने के लिए लड़ रहा हूं। उन्होंने कहा कि आठ नवंबर के उनके फैसले ने काले धन और आतंकवादियों को मिलने वाले पैसे पर करारी चोट की है। प्रधानमंत्री ने कहा, कुछ लोगों को यह फैसला पसंद नहीं आ रहा क्योंकि मैंने सीधा चोरों के सरदार पर हमला बोल दिया है। पूर्व सैनिकों की ओर से की जा रही वन रैंक वन पेंशन की मांग का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 40 साल से ज्यादा समय तक देश पर शासन करने वाली पार्टी और परिवार ने 2014 के लोकसभा चुनाव की पूर्व संध्या तक कुछ नहीं किया।

उत्तराखंड उन राज्यों में शामिल है जहां से हजारों युवा सेना में सेवाएं देने जाते हैं। उन्होंने कहा कि आम चुनावों से पहले यूपीए सरकार ने महज 500 करोड़ रूपए आवंटित किए क्योंकि उन्हें डर था कि सैनिकों से विशेष प्रेम करने वाले मोदी कहीं कोई कदम ना उठा दे। प्रधानमंत्राी ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन पर 10,000 करोड़ रूपए से ज्यादा का खर्च आएगा, जो उनकी सरकार पहले ही किस्तों में दे चुकी है। उन्होंने कहा कि सैनिकों ने उनकी दिक्कत को समझा कि पूरी रकम एक ही बार देना संभव नहीं है। वे इसे किस्तों में लेने पर सहमत हुए।

उन्होंने कहा कि विकास उनकी सरकार का एकमात्रा उद्देश्य है और वह लगातार इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के ईमानदार लोगों को सशक्त बनाने के लिए नोटबंदी का फैसला किया गया। मोदी ने कहा, क्या आपने मुझे उद्घाटन समारोहों में फीते काटने और मोमबत्तियां जलाने के लिए 2014 में जनादेश दिया था ? उन्होंने पूछा, क्या आपने मुझे लड़कर भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए वोट नहीं दिया ? क्या हमें पूरी ताकत से इस बुराई से नहीं लड़ना चाहिए ? भाषा एजेंसी 

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