नकवी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण के लिए किये जा रहे कार्यों में वक्फ संपत्तियों का मुस्लिम समुदाय के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए इस्तेमाल किया जाना मुख्य रूप से शामिल है। श्री नकवी ने कहा कि कई राज्य सरकारें एवं वक्फ बोर्ड इस मामलें में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का प्रयास है कि सभी वक्फ बोर्ड एवं वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड डिजिटल हो जाएँ। अल्पसंख्यक मंत्रालय इस सन्दर्भ में राज्य वक्फ बोर्डों को हर संभव मदद दे रहा है। कंप्यूटराइज़ेशन से वक्फ बोर्ड एवं वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड पारदर्शी हो सकेंगे। नकवी ने कहा कि वक्फ संपत्तियों की शिकायतों/विवादों के निपटारे हेतु केंद्र स्तर पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक सदस्यीय "बोर्ड ऑफ़ एडजूडिकेशन" का गठन किया गया है। इसी तरह राज्यों में 3 सदस्यीय न्यायाधिकरण की स्थापना की जा रही है। लगभग 24 राज्यों में इनका गठन किया जा चुका है। अन्य राज्य भी इसका गठन शीघ्र करें।
पंजीकृत और गैर-पंजीकृत वक्फ संपत्तियों की संख्या लगभग 4,49,314 है। रिकॉर्डों के कंप्यूटराईजेशन के बाद यह संख्या और बढ़ सकती है। इसकी भी जानकारी मिली है कि कंप्यूटराईज़ेशन की प्रक्रिया के दौरान कुछ वक्फ बोर्ड संपत्तियों को दर्ज नहीं कर रहे हैं। ऐसी शिकायतों पर कड़ी कार्यवाही की प्रक्रिया चल रही है। बजट 2017-18 में वक्फ संपत्तियों के कंप्यूटराईज़ेशन के लिए 3 करोड़ 30 लाख, राज्य वक्फ बोर्डों के विकास के लिए 9 करोड़ 70 लाख के अलावा वक्फ को ग्रांट-इन-एड के रूप में 3 करोड़ 18 लाख रूपए की राशि आवंटित की गई है। नकवी ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अल्पसंख्यक मंत्रालय अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण के संकल्प के साथ एक मिशन के रूप में काम कर रहा है।
इसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ते हुए केंद्र सरकार ने इस बार अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट में बड़ी वृद्धि की है। 2017-18 के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय का बजट बढ़ा कर 4195.48 करोड़ रूपए कर दिया गया है। यह पिछले बजट के 3827.25 करोड़ रूपए के मुकाबले 368.23 करोड़ रूपए (9.6 प्रतिशत की वृद्धि) अधिक है। श्री नकवी ने कहा कि बजट में बढ़ोतरी से अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण में मदद मिलेगी। नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण के लिए किये जा रहे केंद्र सरकार के प्रयासों में "प्रोग्रेस पंचायत", "हुनर हाट", "गुरुकुल जैसे आवासीय स्कूलों की स्थापना, "गरीब नवाज़ स्किल डेवलपमेंट सेंटर शुरू करना, छात्राओं के लिए "बेगम हजरत महल स्कालरशिप", अल्पसंख्यकों के लिए 5 विश्वस्तरीय शिक्षा संस्थान स्थापित करना एवं 500 से ज्यादा उच्च शैक्षिक मानकों से भरपूर आवासीय विद्यालय एवं रोजगार परक कौशल विकास केंद्र शामिल हैं।