इस नए नौसैन्य अड्डे का नाम आईएनएस सरदार वल्लभभाई पटेल होगा। गुजरात के तट पर यह दूसरा नौसैन्य अड्डा होगा और इसकी शुरूआत राज्य की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल एवं रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर द्वारा नौ मई को पोरबंदर में की जाएगी। पश्चिमी नौसैन्य कमान के जनसंपर्क अधिकारी कमांडर राहुल सिन्हा ने पीटीआई भाषा को बताया, नौसेना के संदर्भ में यह बेहद महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थिति है क्योंकि यह तटीय क्षेत्र हमारे पश्चिमी पड़ोसियों के करीब है।
हमारे जहाजों या युद्धपोतों को किसी भी समय तैनात किया जा सकता है। द्वारका जिले के ओखा स्थित आईएनएस द्वारका के अलावा यह गुजरात का दूसरा नौसैन्य अड्डा होगा। सिन्हा ने कहा, ओखा में एक नौसैन्य अड्डे के बावजूद पश्चिमी तटीय क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने की जरूरत थी। क्षेत्र में तटीय सुरक्षा बीते कुछ वर्षों से चिंता का विषय रही है। हमारी अवसंरचना को मजबूत करने की जरूरत महसूस की जा रही थी। इसलिए हम आईएनएस सरदार वल्लभभाई पटेल शुरू करने जा रहे हैं।
इस नौसैन्य अड्डे का नामकरण भारत के पहले गृहमंत्री के नाम पर करने की बात पर सिन्हा ने कहा कि यह निर्णय भारतीय नौसेना की एक आंतरिक समिति के बोर्ड द्वारा लिया गया है। मुंबई पर 26:11 को हुए हमले के बाद से पाकिस्तान के साथ लगने वाली समुद्री सीमा पर निगरानी एक चिंता का विषय बनी हुई है। 26:11 के हमलों में मछली पकड़ने वाली गुजरात की एक नाव को आतंकियों ने अपने कब्जे में ले लिया था और इसका इस्तेमाल उन्होंने शहर तक पहुंचने के लिए किया था। 31 दिसंबर को तटरक्षकों ने अरब सागर में विस्फोटकों से भरी एक संदिग्ध पाकिस्तानी नौका को रोका था।
हाल ही में नौसेना ने तटरक्षकों के साथ एक संदिग्ध नौका को पकड़ा था, जिसमें नशीले पदार्थ से भरे 232 पैकेट थे। ऐसा संदेह है कि यह पदार्थ हेरोईन था, जिसकी कुल कीमत लगभग 600 करोड़ रूपए थी। इस दौरान आठ पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार भी किया गया था।