आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने सरकार के इस कदम की जानकारी दी। गौरतलब है कि विमुद्रिकरण के लिए गए फैसले के बाद जनता पांच सौ और हज़ार के नोट को बैंकों में जमा करवाने के लिए उमड़ पड़ी है। इस साल के अंत तक यह नोट बैंकों और पोस्ट ऑफिस में जमा करवाए जा सकते हैं। इस वक्त इन्हें पांच सौ और दो हज़ार के नए नोटों के साथ बदला जा सकता है जिनमें हवाला और जालसाज़ी को रोकने के लिए विशेष फीचर उपलब्ध हैं। फिलहाल इन नए नोटों को सीमित संख्या तक ही फिलहाल निकाला जा सकता है लेकिन सरकार के मुताबिक अगले दो हफ्ते में इन पर लगी सीमा को हटा दिया जाएगा।
अधिकारियों का कहना है कि नए नोट में तमाम मौजूदा संज्ञाएं वक्त रहते नई सुरक्षा फीचर के साथ दोबारा लाई जाएंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार, आतंकवाद, कालाधन और जाली नोटों के गोरखधंधे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का ऐलान करते हुए मंगलवार मध्यरात्रि से 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों के प्रचलन को खत्म करने की बड़ी घोषणा की। सत्ता संभालने के ढाई साल बाद राष्ट्र के नाम अपने पहले टीवी संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, 'मंगलवार रात 12 बजे से 1000 रुपये और 500 रुपये के नोट वैध नहीं होंगे और ये नोट कागज के टुकड़े रह जाएंगे और उनका कोई मूल्य नहीं होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है, 30 दिसंबर तक 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बैंकों और डाकघरों में जमा कराए जा सकते हैं। कुछ कारणों से जो लोग 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोट 30 दिसंबर तक जमा नहीं करा सकेंगे, वे लोग पहचान पत्र दिखाकर 31 मार्च, 2017 तक नोट बदलवा सकेंगे।