देश के किसानों का गुरुवार को केंद्र के नए कृषि कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन का 29वां दिन है। हरियाणा, पंजाब समेत देश के अलग-अलग राज्यों के किसान राजधानी दिल्ली में करीब एक महीने से डटे हुए हैं। वहीं, इसको लेकर विपक्ष लगातार नरेंद्र मोदी सरकार को निशाने पर ले रही है। अब तेजस्वी यादव ने भी नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश पर हमला बोला है और राज्य के किसानों की दुर्दशा को लेकर कहा है कि 14 साल पहले नीतीश सरकार के फैसले ने किसानों को बर्बाद कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “बिहार के किसानों की औसत आय 3,558 रुपये प्रति माह देश में सबसे कम है जबकि पंजाब के किसानों की आय 18,059 प्रति माह है। दोनों कृषि प्रदेश है फिर भी किसानों की आय में बड़ा अंतर है। अगर बिहार में विगत 14 वर्षों में मंडी और बाज़ार समिति समाप्त नहीं होता तो यहाँ का किसान मजदूर नहीं बनता।“
बिहार के किसानों की औसत आय 3558 रुपये प्रति माह देश में सबसे कम है जबकि पंजाब के किसानों की आय 18,059 प्रति माह है।दोनों कृषि प्रदेश है फिर भी किसानों की आय में बड़ा अंतर है।अगर बिहार में विगत 14 वर्षों में मंडी और बाज़ार समिति समाप्त नहीं होता तो यहाँ का किसान मजदूर नहीं बनता। pic.twitter.com/RDfuPHrqV8
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 24, 2020
बुधवार को 40 किसान संगठनों ने केंद्र द्वारा बातचीत को लेकर भेजे गए प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। वहीं, बैठक को लेकर जानकारी देते हुए भारतीय किसान यूनियन युधवीर सिंह ने कहा था, "जिस तरह से केंद्र बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है। इससे ये स्पष्ट है कि सरकार इस मुद्दे पर देरी करना चाहती है और किसानों के प्रदर्शन करने के मनोबल को तोड़ना चाहती है। सरकार हमारे मुद्दों को हल्के में ले रही है, मैं उन्हें इस मामले पर संज्ञान लेने के लिए चेतावनी दे रहा हूं और जल्द ही इसका हल ढूंढूंगा।"