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केरल में निपाह वायरस का खतरा: हाई अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग, राज्य सरकार ने जारी किए दिशानिर्देश

एक ओर जहां कोरोना वायरस महामारी का खतरा टला नहीं है, वहीं अब निपाह वायरस ने सबकी चिंताएं बढ़ा दी है। केरल...
केरल में निपाह वायरस का खतरा: हाई अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग, राज्य सरकार ने जारी किए दिशानिर्देश

एक ओर जहां कोरोना वायरस महामारी का खतरा टला नहीं है, वहीं अब निपाह वायरस ने सबकी चिंताएं बढ़ा दी है।

केरल में निपाह वायरस की वजह से जान गंवाने वाले 12 वर्षीय बच्चे के संपर्क में आए 251 व्यक्तियों की पहचान की है। इनमें से 38 लोग कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पृथक-वास में हैं और 11 लोगों में लक्षण नजर आए हैं। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने कहा है कि 8 लोगों के सैंपल टेस्ट के लिए भेजे गए थे उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। स्वास्थ्य मंत्री ने एक विज्ञप्ति में बताया कि संपर्क में आए 251 लोगों में 129 स्वास्थ्यकर्मी हैं। 

इस बीच केरल सरकार ने निपाह वायरस के मामलों से निपटने के लिए सोमवार को प्रबंधन योजना जारी की जिसमें सरकारी और निजी अस्पतालों द्वारा पालन किए जाने वाले स्वास्थ्य प्रोटोकॉल को सूचीबद्ध किया गया है।

जॉर्ज ने एक बयान में कहा कि जिला अधिकारी निपाह के लिए एक अलग प्रबंधन योजना तैयार कर सकते हैं और यह भी बताया कि मरीजों के उपचार और छुट्टी के संबंध में दिशा-निर्देश भी प्रकाशित किए गए हैं। उन्होंने सभी जिलों के अधिकारियों से अलर्ट रहने और एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क ज्वर) से प्रभावित लोगों को निगरानी में रखने के लिए कहा। कोझिकोड के 12 वर्षीय लड़के की रविवार को निपाह वायरस संक्रमण से मौत के बाद राज्य का स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है।


मंत्री जॉर्ज ने कहा, ‘‘मुख्य उद्देश्य मरीजों की निगरानी, जांच और उपचार है। निगरानी के अंतर्गत संपर्क का प्रभावी तरीके से पता लगाया जाएगा और मरीज को अलग-थलग किया जाएगा। उपचार प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा और इसकी लगातार निगरानी की जाएगी।’’

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों, डॉक्टरों, निजी अस्पतालों के कर्मचारियों और अन्य को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। मंत्री ने कोझिकोड गेस्ट हाउस में निपाह नियंत्रण कक्ष के कामकाज की भी निगरानी की।

गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग ने 27 अगस्त से लड़के के संपर्क में आए 188 लोगों की पहचान की है। संक्रमित लड़के के संपर्क में आए अधिक जोखिम वाले 20 लोगों में से सात लोगों के नमूने जांच के लिए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) पुणे भेजे गए जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है।

 

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