गुजरात और बिहार जैसे राज्यों की तरह अन्य राज्य भी इस संबंध में विचार कर शराब पर पाबंदी लागू कर सकते हैं और केंद्र सरकार उनकी मदद करेगी।
बिहार से सांसद कुमार ने पूछा था कि क्या बिहार राज्य की तर्ज पर पूरे देश में शराब पर प्रतिबंध लगाने का सरकार का कोई विचार है। मंत्री ने इससे पहले कहा, हाल ही में बिहार में शराबबंदी के बाद राज्य में शराब पीने से मृत्यु का एक भी मामला नहीं आने संबंधी रिपोर्ट राज्य की तरफ से आई है।
अवैध शराब से लोगों की मौत के मामले सामने आने पर कार्रवाई के संबंध में किरीट सोलंकी के प्रश्न के उत्तर में अहीर ने कहा कि इस संबंध में आबकारी विभाग और पुलिस कार्रवाई करते हैं, जिसकी जिम्मेदारी राज्य की होती है।
उन्होंने कहा, यदि राज्य सरकार मदद मांगती हैं तो केंद्र मदद को तैयार है। अहीर के मुताबिक शराब के विरद्ध जागरुकता के लिए गैर सरकारी संगठनों और युवाओं को जोड़ने के सुझाव पर विचार किया जा सकता है।
अहीर ने कहा कि मादक पदार्थ निरोधक शाखा की तरह शराब पर रोक के लिए किसी इकाई के गठन के सुझाव पर भी केंद्र सरकार विचार करेगी। लेकिन इस संबंध में कार्रवाई का अधिकार राज्य सरकार को होता है।
उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि साल 2012, 2013 और 2014 में अवैध या नकली शराब पीने के कारण क्रमश: 731, 497 और 1699 लोगों की मृत्यु के मामले सामने आये। भाषा एजेंसी