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15 साल से कोई भारतीय मिस वर्ल्‍ड नहीं, इस बार टॉप 20 से बाहर

सन 1994 से लेकर 2000 तक मिस वर्ल्‍ड और मिस यूनिवर्स के कई ताज अपने नाम करने वाली भारतीय सुंदरियां पिछले 15 साल विश्‍व फलक पर कोई खास छाप छोड़ने में नाकाम रही हैं। इस बार मिस स्पेन मिरिया लालागुना रोयो ने मिस वर्ल्‍ड का खिताब जीता है जबकि मिस इंडिया अदिती आर्य टॉप 20 में भी जगह नहीं बना पाईं।
15 साल से कोई भारतीय मिस वर्ल्‍ड नहीं, इस बार टॉप 20 से बाहर

चीन के सान्या शहर में हुए मिस वर्ल्‍ड प्रतियोगिता के फाइनल में मिस रूस सोफिया निकितचुक दूसरे और मिस इंडोनेशिया मारिया हारफांती तीसरे स्‍थान पर रहीं। मिस वर्ल्‍ड बनीं मिरिया रोयो बार्सिलोना की रहने वाली हैं और इस समय न्यूट्र‍िशन में उद्योग स्थापित करने के मकसद से फाॅर्मेसी की पढ़ाई कर रही हैं। रोयो बहुत अच्छा पियानो बजाती हैं लेकिन अपने खाली समय में वह दौड़ना, पढ़ना और सर्दियों में स्कीइंग करना पसंद करती हैं। उन्होंने 100 से भी ज़्यादा देशों की सुंदरियों को पीछे छोड़ते हुए यह खिताब जीता है। 

प्रियंका चोपड़ा के बाद कोई मिस वर्ल्‍ड नहीं 

वर्ष 2000 में मिस वर्ल्‍ड खिताब जीतने वाली प्रियंका चोपड़ा के बाद कोई भी भारतीय महिला इस कामयाबी तक नहीं पहुंच पाई है। इस साल खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रहीं मिस इंडिया अदिति आर्य टॉप 20 में भी जगह नहीं बना पाईं। जबकि एक दौर वह भी था जब 1994 में सुष्मिता सेन मिस यूनिवर्स और उसी साल एेश्‍वर्या राय मिस वर्ल्‍ड चुनी गई थीं। इसी तरह वर्ष 2000 में भी लारा दत्‍ता ने मिस यूनिवर्स और प्रियंका चोपड़ा ने मिस वर्ल्‍ड का ताज जीतकर दुनिया में भारतीय सुंदरियों धमक बढ़ा दी थी। लेकिन पिछले एक दशक में भारतीय सुंदरियां विश्‍व मंच पर इस कामयाबी को दोहराने में नाकाम रहीं हैं। सन 1951 में शुरू हुई मिस वर्ल्‍ड प्रतियोगिता में खिताब जीतने वाली री‍ता फारिया पहली भारतीय महिला हैं, वह 1966 में मिस वर्ल्‍ड बनी थीं। उनके बाद एेश्‍वर्या राय, डायना हेडेन, युक्‍ता मुखी और प्रियंका चोपड़ा यह खिताब जीत चुकी हैं। साल 1994 से 2001 के बीच मिस वर्ल्‍ड के अलावा मिस यूनिवर्स, मिसेज वर्ल्‍ड जैसी प्रतियोगिताओं में भी भारतीय महिलाओं का दबदबा रहा। 

इस साल विवादों में रही प्रतियोगिता 

इस बार मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता विवादों में भी रही। चीनी मूल की मिस कनाडा एनास्तासिया लिन को प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेने दिया गया। उन्‍हें चीन जाने वाली विमान में नहीं चढ़ने दिया गया था, जिसे लेकर काफी हंगामा हुआ। दरअसल मिस कनाडा चीन की धार्मिक नीतियों की आलोचक हैं और वह चीन में प्रतिबंधित फागुन गोंगे संप्रदाय को भी मानती हैं। इसलिए उन्‍हें चीन में अायोजित प्रतियोगिता के फाइनल में शामिल होने की इजाजत नहीं दी गई। 

 

 

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