देश कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। वहीं, तीसरी लहर की आहट कुछ सप्ताह बाद आती दिखाई दे रही है। कोरोना से पूरे देश में अब तक करीब चार लाख लोगों की मौत हो चुकी है। अब केंद्र ने कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वालों के परिजनों को मुआवजा देने के मामले सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि वो कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा नहीं दे सकती है। केंद्र सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल कर ये बातें कही गई है।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि आपदा कानून के तहत अनिवार्य मुआवजा केवल प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़ आदि पर ही लागू होता है। आगे केंद्र ने कहा है कि यदि एक बीमारी से होने वाली मौत पर अनुग्रह राशि दी जाए और दूसरी पर नहीं तो ये गलत होगा।
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सुप्रीम कोर्ट को केंद्र सरकार ने बताया गया है कि हर एक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत का मुआवजा उनके परिजनों को देना राज्यों के वित्तीय सामर्थ्य से बाहर है। बता दें, सुप्रीम कोर्ट में कोरोना से होने वाली मौत पर मुआवजा देने संबंधी याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में केंद्र और राज्य सरकारों से आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कोविड संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को 4,00,000 रूपए की अनुग्रह राशि देने का अनुरोध किया गया था, जिसके जवाब में केंद्र ने अपनी बात सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी है।
गौरतलब है कि देश में जून के महीने से कोरोना संक्रमण के नए मामलों में भारी गिरावट देखी जा रही है, वहीं मौत के मामले भी अब दो हजार से कम आ रहे हैं। पिछले 24 घंटों में कोरोना के 58,419 मरीज मिले, 1,576 की मौत हुई और 87,619 लोग ठीक हो गए हैं। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 7,29,243 है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में 81 दिनों बाद 60,000 से कम नए मामले रिपोर्ट हुईं।रिकवरी रेट बढ़कर 96.27% हो गया है और दैनिक पॉजिटिविटी रेट 3.22% है।