Advertisement

आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर किसानों का ‘कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’ दिवस, राष्ट्रपति के नाम सौंपेंगे ज्ञापन

किसान शनिवार को देशभर में ‘कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’ दिवस मना रहे हैं। अपने निर्धारित कार्यक्रम के...
आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर किसानों का ‘कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’ दिवस, राष्ट्रपति के नाम सौंपेंगे ज्ञापन

किसान शनिवार को देशभर में ‘कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’ दिवस मना रहे हैं। अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत किसान देश के सभी राज्यों के राजभवन पर धरना-प्रदर्शन करने के लिए कूच कर गए हैं। साथ ही राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपेंगे। कुंडली सीमा समेत अन्य धरनास्थलों से 32 किसान संगठन चंडीगढ़ राजभवन के रवाना हो गए हैं। वहां हरियाणा-पंजाब के किसान अलग-अलग ज्ञापन देंगे।

कृषि कानून रद्द कराने की मांग के लिए पिछले सात महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शनपाल, जगजीत सिंह दल्लेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी, योगेंद्र यादव, युद्धवीर सिंह ने कहा कि यह दिन आपातकाल के 46 साल पूरे होने के तौर पर भी मनाया जा रहा है। क्योंकि तब नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर अंकुश लगा था और इस समय भी ऐसा ही अंकुश लगाया जा रहा है। सात महीने बात भी सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही है। उनकी आवाज को दबाया जा रहा है।

मार्च के दौरान किसान पूरी तरह शांति बनाए रखेंगे और किसी तरह की तोड़फोड़ या उपद्रव की घटना नहीं होगी। उन्होंने कहा कि राजभवन में भी केवल चुनिंदा किसान नेता ही जाएंगे। मार्च करने वाले सभी लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं देंगे। राजभवन तक मार्च की रूपरेखा का खुलासा करते हुए रुलदा सिंह ने बताया कि किसानों द्वारा यह मार्च पैदल ही किया जाएगा हालांकि बुजुर्ग किसान जो पैदल नहीं चल सकते, उनके लिए करीबी इलाकों से ट्रैक्टर-ट्रालियों की व्यवस्था की जाएगी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad