चुनाव आयोग ने कहा है कि विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की सुरक्षा में अब सिर्फ और सिर्फ सशस्त्र पुलिस बलों की ही तैनाती होगी।
आयोग ने सभी राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों के मुख्य निर्चाचन अधिकारियों को निर्देश जारी कर स्पष्ट कहा है कि मशीनों के भंडारण केंद्रों की सुरक्षा में कहीं भी निजी सुरक्षा एजेंसियों के गार्ड, यहां तक कि सिविल डिफेंस, गैर-पुलिस सेवा के सुरक्षा कर्मियों और वॉलेंटियर आदि की तैनाती बिल्कुल न की जाए। उल्लेखनीय है कि आयोग ने चुनाव से पहले मशीनों की प्रारंभिक चरण की जांच (एफएलसी) और सुरक्षा से जुड़े इंतजामों को लेकर यह आदेश जारी किया है।
पहले भी निजी गार्ड नहीं करते थे सुरक्षा
आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि पिछले आदेश में मशीनों के भंडारण केंद्रों और स्ट्रॉंग रूम यानि जिस कमरे में मशीनें रखी गयी हैं में राज्य सशस्त्र पुलिस बल के जवानों की हर पल निगरानी सुनिश्चित करने की बात कही गयी थी। लेकिन अब इस आदेश में निजी सुरक्षा एजेंसियों के सुरक्षागार्ड अथवा सिविल डिफेंस आदि के गार्ड की तैनाती नहीं करने का स्पष्टीकरण जोड़ दिया गया है। अब किसी भी परिस्थिति में सिर्फ सशस्त्र पुलिस बल के जवान ही तैनात होंगे।
अपवाद की स्थिति में होमगार्ड की तैनाती हो सकेगी
हालांकि इससे पहले भी ईवीएम वीवीपैट की सुरक्षा में सशस्त्र पुलिस बलों को ही तैनात किया जाता रहा है। इस बारे में किसी भी प्रकार के भ्रम की गुंजाइश न रहे, इसी कारण आयोग ने इसके लिये ताजा निर्देश में स्पष्टीकरण जारी किया है। हालांकि इस आदेश में आयोग ने यह छूट जरूर दी है कि नियमित पुलिस बल के जवानों की तैनाती नहीं हो सकने जैसी अपवाद की स्थिति में होमगार्ड के जवानों का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
24 घंटे सीसीटीवी से होगी निगरानी
आयोग ने सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को भंडारगृहों में वीवीपैट युक्त ईवीएम की 24 घंटे पुलिस सुरक्षा सुनिश्चित करते हुये एफएलसी से लेकर चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक हर पल सीसीटीवी कैमरों से रिकॉर्डिंग करते हुये निगरानी करने के स्पष्ट निर्देश दिये हैं। आयोग के अनुसार पूरी प्रक्रिया में सशस्त्र पुलिस बल की कम से कम एक टुकड़ी से लेकर एक प्लाटून तक जवानों की तैनाती की जानी चाहिए।