उत्तर प्रदेश हाथरस कथित गैंगरेप मामले को लेकर राज्य में भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी प्रशासन पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। पूरे प्रक्रण में पुलिस के रवैये और अमानवीय चेहरे को लेकर पूरे देश में निंदा हो रही है। इसी कड़ी में अब इस मुद्दे पर देश के 92 रिटायर्ड आईएएस और आईपीएस अधिकारियों ने सीएम योगी को खुला पत्र लिखा है। इस पत्र में इन वरिष्ठ रिटायर्ड अधिकारियों ने मृतक पीड़िता के साथ किए गए व्यवहार और पुलिस-प्रशासन के साथ-साथ सरकार के रवैये पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
लिखे पत्र में 92 रिटायर्ड अधिकारियों ने कहा, “हमने ये मान लिया था कि हमारे विवेक और जमीर को अब कुछ भी झकझोर नहीं पाएगा, तभी आपके प्रशासन ने हाथरस की घटना में जो कार्रवाई की वो सामने आई है। पूरे घटनाक्रम को देखने के बाद ये पता चलता है कि हमारे देश का प्रशासन किस हद तक दरिंदगी और रसातल के दलदल में गिर चुका है।”
पत्र में कथित गैंगरेप पीड़िता की मौत से पहले के हालत को लेकर जिक्र किया गया है। आगे अपने पत्र में रिटायर्ड आईएएस-आईपीएस अधिकारियों ने कहा, “युवती के गले पर गहरे घाव थे, उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई और जीभ भी काटी गई थी। ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करने की बजाए उसे अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया गया, जहां पीड़िता के इलाज के समुचित संसाधन ही नहीं थे। घटना के दो हफ्ते के बाद पीड़िता के परिवार की अपील पर दिल्ली ले जाया गया।”
सीएम को लिखे पत्र में वरिष्ठ अधिकारियों ने लिखा, “एक दलित युवती का बर्बर तरीके से गैंगरेप किया गया। और घटना के तीन हफ्ते बाद भी पुलिस दुष्कर्म के अपराध की पुष्टि नहीं कर पा रही है। इसके बजाय कई तरह की मनगढ़ंत कहानियां बनाने की कोशिश की जा रही है, जबकि पीड़िता के अंतिम बयान वाले वीडियो में रेप की बात स्पष्ट रूप से कही गई है। ये बयान उसका डाइंग डिक्लेरेशन है।”