पूर्व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद लॉ छात्रा से रेप के मामले में 23 सितंबर से अस्पताल में भर्ती हैं। पहले उन्हें ईलाज के लिए शाहजहांपुर के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, उसके बाद वहां से लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया। यहां वह एसजीपीजीआई के कार्डियोलॉजी वार्ड के प्राईवेट रूम नंबर छह में भर्ती हैं और उनका ईलाज चल रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक उनकी कंडिशन स्टेबल है, लेकिन आब्जर्वेशन में रखा गया है।
पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद को एसआईटी ने 20 सितंबर को उनके आश्रम से सुबह गिरफ्तार किया था। इसके बाद उनका मेडिकल कराया गया और कोर्ट के आदेश पर उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। जेल के सूत्रों ने ‘आउटलुक’ को बताया कि यहां वह 20 सितंबर को दाखिल हुए और 23 सितंबर की सुबह ईलाज के लिए उनकी तबीयत खराब होने की शिकायत पर उन्हें शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया। इसके बाद लखनऊ रेफर कर दिया गया। एसजीपीजीआई के पीआरओ ने ‘आउटलुक’ को बताया कि चिन्मयानंद को सीने में दर्द की शिकायत पर एडमिट किया गया था। उनकी एंजियोग्राफी की गई, लेकिन कोई ब्लॉकेज नहीं मिला। वह शुगर के पुराने पेशेंट हैं और उनका शुगर बढ़ा हुआ है। तबीयत ठीक होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। एसजीपीआई के सीएमएस डॉ. अमित अग्रवाल ने ‘आउटलुक’ को बताया कि उनकी तबीयत स्टेबल है, लेकिन एक-दो दिन आब्जर्वेशन की जरूरत है। इसके बाद डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री सुरेश खन्ना से बात करने के लिए फोन किया गया तो उनके निजी सचिव ने फोन उठाया और पूछा कि किस बारे में बात करनी है, जब बताया गया कि चिन्मयानंद के बारे में तो उन्होंने कहा कि मंत्री जी को बता दिया जाएगा, अगर वह बात करना चाहेंगे तो कर लेंगे, लेकिन कोई फोन नहीं आया।
कांग्रेस ने वीआईपी ट्रीटमेंट पर उठाए सवाल
कांग्रेस के पूर्वांचल प्रभारी अजय कुमार उर्फ लल्लू ने एसजीपीजीआई में भर्ती चिन्मयानंद को मिल रहे वीआईपी ट्रीटमेंट पर सवाल उठाए। उन्होंने ‘आउटलुक’ से कहा कि एसजीपीजीआई में यूं तो आम मरीजों की हालत गंभीर होने के बावजूद एडमिट करने के लिए लंबी वेटिंग का सामना करना पड़ता है और एडमिशन नहीं होने के कारण कई बार मरीजों की ईलाज के अभाव में मौत हो जाती है, लेकिन रेप के आरोपी को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। उन्हें जनरल वार्ड में रखने के बजाय प्राईवेट रूम में रखा गया है। इससे साबित होता है कि चिन्मयानंद को सरकार का संरक्षण प्राप्त है।
सात साल से चल रहा अमर मणि का ईलाज
पूर्वांचल के बाहुबली नेता और मधुमिता हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे अमर मणि त्रिपाठी अपनी पत्नी के साथ छह माह से गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज करा रहे हैं। देहरादून की सीबीआई अदालत ने 2007-08 में अमर मणि और अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। कुछ समय देहरादून जेल में बंद रहे अमर मणि त्रिपाठी ने ज्यादातर समय गोरखपुर जेल या गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बिताया है। मार्च 2012 में अमर मणि को देहरादून जेल से एक मामले की सुनवाई में गोरखपुर भेजा गया था, लेकिन इसके बाद वह वापस देहरादून जेल नहीं लौटे। मामले को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने भी इसी माह अमर मणि को देहरादून शिफ्ट करने के आदेश दिए थे, लेकिन अभी तक आदेश पर अमल नहीं हो पाया है। अमर मणि महराजगंज जिले के लक्ष्मीपुर विधानसभा से कई बार विधायक और कैबिनेट मंत्री रहे हैं। उनका निवास स्थल महराजगंज जिले के नौतनवां और गोरखपुर शहर में है। सूत्रों के मुताबिक उन्हें वापस भेजने के लिए पिछले सात साल से देहरादून जेल प्रशासन ने अपने स्तर से कई बार गोरखपुर जेल से पत्राचार किया, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिल पाया।
रोटोमैक का मालिक भी लंबे समय तक कराता रहा ईलाज
बैंक लोन घोटाले के मामले में जेल में बंद रोटोमैक के मालिक विक्रम कोठारी को गिरफ्तारी के बाद लखनऊ जेल में रखा गया था। यहां तबीयत खराब होने पर पिछले साल 22 मार्च को केजीएमयू में भर्ती किया गया। यहां उनका तीन माह तक ईलाच चला। इसके बाद उन्हें एसजीपीजीआई में भर्ती कर दिया गया था। जहां उनका लंबे समय तक ईलाज ही चलता रहा।