एक समारोह के इतर उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, मैं संसद के समक्ष बुधवार को हेलीकॉप्टर सौदे के बारे में विस्तृत ब्यौरा और तथ्यों को रखूंगा। मैं विस्तृत घटनाक्रम रखूंगा जिसमें बताउंगा कि किस तरह और कैसे कंपनी के मुताबिक नियमों और प्रावधानों में ढील दी गई।
उन्होंने कहा, जिन लोगों को रिश्वत मिली वे अपने ऊपर अभियोजन चलाने के लिए सबूत नहीं छोड़ेंगे लेकिन हमें इसे साबित करना है (कि रिश्वत ली गई)। रक्षा मंत्री ने कहा, हमें हर चीज साबित करनी है। चूंकि मामले को संसद के समक्ष रखा जाएगा इसलिए मैं मीडिया को विस्तार से जानकारी नहीं दूंगा। पर्रिकर ने पूछा, कंपनी के खिलाफ 2014 तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? तत्कालीन संप्रग सरकार ने कंपनी को काली सूची में क्यों नहीं डाला?
उन्होंने कहा, मैं कांग्रेस को चुनौती देता हूं कि संप्रग सरकार के आदेश को दिखाएं कि अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी को काली सूची में डाला गया। पहले उन्हें जवाब देने दीजिए कि उसे क्यों नहीं प्रतिबंधित किया गया। हमारी सरकार (राजग) के समय में इसे प्रतिबंधित किया गया। पर्रिकर ने हाल में संप्रग सरकार द्वारा अगस्ता वेस्टलैंड को काली सूची में डालने के आदेश दिखाने की चुनौती दी थी।
मोदी सरकार के शीर्ष सू़त्रों ने हाल में दावा किया था अगस्ता वेस्टलैंड को संप्रग शासनकाल के दौरान काली सूची में नहीं डाला गया। सूत्रों ने कहा कि राजग शासनकाल के दौरान वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़ी कंपनी के सभी अधिग्रहण प्रस्तावों पर रोक लगा दी गई। पर्रिकर पणजी में फुटबॉल मैदान की आधारशिला रखने के लिए आयोजित समारोह के इतर संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
हेलीकॉप्टर सौदा 2013 में पटरी से उतर गया था जब इटली में फिनमिकैनिका के प्रमुख को सौदा हासिल करने के लिए रिश्वत देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। अगस्ता वेस्टलैंड इसी कंपनी की सहयोगी कंपनी है।