भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्रालय ने गुरुवार को वैवाहिक वेबसाइटों के कामकाज पर एक परामर्श पत्र को मंजूरी देते हुए वैवाहिक वेबसाइटों के लिए नियमावली तय कर दी है। सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस नियमावली को मंजूरी दी जिसके अनुसार वैवाहिक वेबसाइटों को अपना दुरुपयोग रोकने के लिए नियमों का पालन करना होगा। परामर्श पत्र के अनुसार ऐसी वेबसाइटों को इस बात का सत्यापन करना होगा कि जब उपयोगकर्ता इस मंच से जुड़ने के लिए पंजीकरण करता है तो उसकी मंशा परिणय सूत्र में बंधने की है और इसका भी सत्यापन करना होगा कि उपयोगकर्ता की सूचना उसकी जानकारी के मुताबिक सही है।
मिली जानकारी के अनुसार, वैवाहिक वेबसाइटें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 2 के तहत मध्यस्थ हैं तथा उनके लिए आईटी कानून का पालन करना अनिवार्य है। इस परामर्श पत्र के लागू हो जाने के बाद वैवाहिक वेबसाइटों के उपयोगकर्ताओं को अपने सत्यापन के लिए पहचान के सबूत तथा पता जैसे दस्तावेजों की वास्तविक प्रतियां अपलोड करनी होगी। वेबसाइटें इस बात की सूची जारी करेंगी कि कौन से कानून सम्मत दस्तावेज उसकी पहचान के सबूत होंगे। नए परामर्श पत्र में वेबसाइटों पर डेटिंग मंच को वैवाहिक वेबसाइटों के रूप में पेश करने पर मनाही है।