अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गुरदीप सिंह सैनी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के शैलेश सक्सेना, एस्सार के विनय कुमार, रिलायंस एडीएजी के रिषि आनंद, केंर्स इंडिया के केके नायक, पत्रकार शांतनु सैकिया तथा वीरेंद्र को 50,000 रूपये की राशि के मुचलके पर जमानत दे दी। जमानत याचिका पर जिरह के दौरान आरोपियों की पैरवी कर रहे वकील ने अदालत को बताया कि वे समानता के आधार पर राहत की मांग कर रहे हैं क्योंकि इसी मामले में एक आरोपी जुबिलैंट एनर्जी के सुभाष चंद्रा को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा इस मामले में पहले ही आरोप पत्र दायर कर चुकी है तथा इसमें सरकारी गोपनीयता अधिनियम की धाराएं नहीं लगाई गई हैं। जमानत का विरोध करते हुए पुलिस ने कहा कि आरोपियों के पास से कुछ गोपनीय दस्तावेज बरामद किए गए हैं। अदालत ने 29 अप्रैल को जमानत याचिकाओं पर दलीलों की सुनवाई के लिए आज की तारीख मुकर्रर की थी। उस दिन वकीलों की हड़ताल के कारण आरोपियों के वकीलों ने मामले को स्थगित करने की मांग की थी।
इससे पहले, मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट ने पांच काॅरपोरेट अधिकारियों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थी। मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट ने 27 अप्रैल को सैकिया की जमानत याचिका भी खारिज की थी जिसके बाद उसने सत्र अदालत का रूख किया। दिल्ली पुलिस ने पहले अदालत को बताया कि इस मामले से जुड़ा अपराध सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत आता है तथा इस पहलू पर जांच चल रही है।
पुलिस ने आरोपी सुभाष चंद्रा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए यह दलील पेश की थी। चंद्रा के वकील ने दलील दी कि मामले में दायर आरोप पत्र कहता है कि चंद्रा के पास से कोई गोपनीय दस्तावेज बरामद नहीं किया गया है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मामले में 13 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।