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इंजीनियरिंग में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स की जरूरत नहीं पर AICTE का यू-टर्न, अब ऐसे लागू होगा नया नियम

पहले अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने कहा था कि जिन छात्रों ने 12 वीं कक्षा में...
इंजीनियरिंग में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स की जरूरत नहीं पर AICTE का यू-टर्न, अब ऐसे लागू होगा नया नियम

पहले अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने कहा था कि जिन छात्रों ने 12 वीं कक्षा में भौतिकी, गणित या रसायन विज्ञान का अध्ययन नहीं किया है, वे भी इस वर्ष से इंजीनियर बनने की इच्छा रख सकते हैं। ये निर्णय "विविध पृष्ठभूमि" से इंजीनियरिंग के अध्ययन के लिए सक्षम करने के लिए अपने नियमों को संशोधन के तहत लिया गया है। लेकिन, अब एआईसीटीई ने यू-टर्न ले लिया है। संस्थान ने कहा है कि इंजीनियरिंग के लिए भौतिकी, गणित और रसायन विज्ञान महत्वपूर्ण विषय है और ये जारी रहेगा। 

एआईसीटीई ने शुक्रवार को कहा कि इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित महत्वपूर्ण विषय बने रहेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, एआईसीटीई के चेयरपर्सन अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा कि बायोटेक्नोलॉजी, टेक्सटाइल या एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग जैसे स्ट्रीम में शामिल होने वाले छात्रों के पास 12 वीं कक्षा में इन विषयों का अध्ययन नहीं करने का विकल्प होगा। पीटीआई के मुताबिक सहस्रबुद्धे द्वारा आया ये स्पष्टीकरण एआईसीटीई द्वारा जारी 2021-22 के अनुमोदन के अनुसार इंजीनियरिंग का अध्ययन करने के लिए भौतिकी और गणित के बारे में अनिवार्य नहीं होने की खबरों के बाद आया है।

सहस्रबुद्धे ने पीटीआई से कहा, "मैकेनिकल इंजीनियरिंग जैसे इंजीनियरिंग की कुछ स्ट्रीम के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित महत्वपूर्ण विषय बने रहेंगे, ऐसा नहीं है कि ये विषय अपनी प्रासंगिकता खो देंगे। हालांकि, टेक्सटाइल इंजीनियरिंग, कृषि जैसी स्ट्रीम के लिए अथवा जैव प्रौद्योगिकी के लिए छात्रों के पास एक विकल्प होगा।"  

संशोधित नियमों में एआईसीटीई ने 14 विषयों - भौतिकी, गणित, रसायन विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, जीव विज्ञान, इनफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिस, जैव प्रौद्योगिकी, तकनीकी व्यावसायिक विषय, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, व्यावसायिक अध्ययन, अंत्रप्रेन्योरशिप विषयों  को सूची में शामिल किया था।

आउटलुक से बातचीत में एआईसीटीई के उपाध्यक्ष एम.पी. पूनिया ने भी बताया था कि इस फैसले को भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा था, उदाहरण के लिए  यह कॉमर्स बैकग्राउंड के एक छात्र को इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने में सक्षम करेगा बशर्ते कि वो नियमों में सूचीबद्ध 14 विषयों में से किसी तीन में  (न्यूनतम 45 प्रतिशत अंकों के साथ) उत्तीर्ण हो।

 

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