इसके लिए आवेदन और जिस कारणों से मदद मांगी जा रही है, उससे संबंधित कागजात दिखाने पड़ते हैं। इन आवेदनों की जांच एक कमेेटी करती है और उसके बाद जिन्हें मदद की जरूरत सबसे अधिक होती है, उन्हें मदद प्राथमिकता के आधार पर दी जाती है। यह मदद पीएम फंड से दी जाती है। पीएमओ से मिले आंकड़ों के अनुसार अब तक सबसे अधिक उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को ही मदद मिली है।
हालांकि आवेदन भी सबसे अधिक इन्हीं दोनों राज्यों से आए। प्रधानमंत्री मोदी के सोशल मीडिया पर सक्रिय होने का असर यह भी हुआ है कि ट्विटर और फेसबुक से भी मदद मांगने की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। पीएमओ सूत्रों के अनुसार कुछ अनुशंसाएं खुद पीएम मोदी ने ट्विटर पर मिले फीडबैक के आधार पर की।
पीएम मोदी से निर्देश मिले हैं कि अगर मदद मांगने वाले की बात सच हो तो उसे तुरंत मदद मुहैया करायी जाए। अमूमन सबसे अधिक मदद स्वास्थ्य कारणों में दी जाती है, लेकिन नये ट्रेंड में पढ़ाई के नाम पर भी मदद दी जा रही है। पीएमओ के अधिकारियों के अनुसार हाल में इस मामले में जागरूकता बढ़ने के बाद मदद मांगने की अपेक्षा भी बढ़ी है।
पीएमओ सूत्रों के अनुसार हाल के दिनों में पीएमओ से मदद मांगने वालों की संख्या में काफी वृद्धि हो गयी है। हर दिन पूरे देश से दर्जनों आवेदन आ रहेे हैंं जिसमें विभिन्न परेशानियों में फंसे लोग मदद की उम्मीद में पीएम मोदी को पत्र लिख रहे हैं।