शेख हसीना ने दिल्ली में भारत फाउंडेशन जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के बढ़ने से शांति और समृद्धि की दिशा में हमारे कदम को कई बार खतरे में डाला गया है। उन्होंने कहा कि हमने सौहार्दपूर्वक भूमि सीमा और समुद्री सीमा तय की है। हम दृढ़ता से मानते हैं कि हमारे सामान्य जल संसाधनों को एकजुट बल के रूप में कार्य करना चाहिए। सभी आम नदियों के पानी को बांटना हमारे भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
तिस्ता मामले पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर से पानी संधि की बात करके अपने सरकार के मजबूत संकल्प को दोहराया है। ऐसा होने के बाद, भारत-बांग्लादेश के संबंधों में परिवर्तन आएगा। उन्होंने कहा कि 1971 की लड़ाई में भारत और यहां के लोगों के साथ उनकी सरकार ने पूरे दिल से हमारा साथ दिया था।
इस दौरान शेख हसीना ने बताया कि बांग्लादेश पार्ल ने हाल ही में 25 मार्च को पाकिस्तान के अत्याचारों की याद में नरसंहार दिवस घोषित करने का संकल्प अपनाया है। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि इस नरसंहार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता दी जाए। प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे प्रयासों में हमारे साथ रहने का वचन दिया है।
गौरतलब है कि भारत-बांग्लादेश के बीच आपसी सहयोग और विकास को ध्यान में रखते हुए शनिवार को 22 समझौते किए गए हैं। पीएम मोदी ने बांग्लादेश को 450 करोड़ डॉलर कर्ज़ देने की घोषणा की। यह भी कहा कि दोनों देश आर्थिक मुद्दों पर मिलकर आगे बढ़ेंगे।
चार दिवसीय दौरे पर आई हसीना का गत सात सालों में यह भारत का पहला दौरा है। वह इससे पहले जनवरी 2010 में भारत आई थीं।