प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण के तहत रविवार को नाइजीरिया पहुंचे। प्रधानमंत्री नाइजीरियाई राष्ट्रपति बोला अहमद टिनुबू के निमंत्रण पर पहुंचे हैं। वह ब्राजील और गुयाना भी जाएंगे।
विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अबुजा पहुंच गए हैं। मंत्री न्येसोम एजेनवो वाइक ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को अबुजा शहर की ‘कुंजी’ भेंट की। यह ‘कुंजी’ प्रधानमंत्री पर नाइजीरिया के लोगों के विश्वास और उनके प्रति सम्मान को प्रदर्शित करती है।’’
विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री के स्वागत की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं। प्रधानमंत्री मोदी ने नाइजीरिया के राष्ट्रपति टीनुबू द्वारा ‘एक्स’ पर किए गए एक पोस्ट का जवाब दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि वह भारतीय प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। राष्ट्रपति टीनुबू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमारी द्विपक्षीय चर्चाओं का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करना तथा महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना है। प्रधानमंत्री मोदी नाइजीरिया में आपका स्वागत है।’’
नाइजीरियाई राष्ट्रपति के पोस्ट का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘धन्यवाद, राष्ट्रपति टीनुबू। कुछ समय पहले ही नाइजीरिया पहुंचा हूं। गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आभारी हूं। मेरी कामना है कि यह यात्रा हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाए।’’
मोदी ने कहा, ‘‘नाइजीरिया में भारतीय समुदाय के इतने गर्मजोशी भरे स्वागत से बहुत खुशी हुई।’’ उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘नाइजीरिया में मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर मराठी समुदाय ने खुशी जताई है। यह वाकई सराहनीय है कि वे अपनी संस्कृति और जड़ों से जुड़े हुए हैं।’’
नाइजीरियाई राष्ट्रपति के पोस्ट का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘धन्यवाद, राष्ट्रपति टीनुबू। कुछ समय पहले ही नाइजीरिया पहुंचा हूं। गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आभारी हूं। मेरी कामना है कि यह यात्रा हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाए।’’
मोदी ने कहा, ‘‘नाइजीरिया में भारतीय समुदाय के इतने गर्मजोशी भरे स्वागत से बहुत खुशी हुई।’’ उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘नाइजीरिया में मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर मराठी समुदाय ने खुशी जताई है। यह वाकई सराहनीय है कि वे अपनी संस्कृति और जड़ों से जुड़े हुए हैं।’’