अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस समिट में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में वेदों ने हजारों साल पहले से सूर्य को विश्व की आत्मा माना है। भारत में सूर्य को पूरे जीवन का पोषक माना गया है। आज जब हम क्लाइमेट चेंज जैसी चुनौती से निपटने का रास्ता ढूंढ रहे हैं तो हमे प्राचीन दर्शन के संतुलन और समग्र दृष्टिकोण की ओर देखना होगा।
PM suggests turning to Vedas to combat climate change
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— ANI Digital (@ani_digital) March 11, 2018
बता दें कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों रविवार को पहली इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आईएसए) समिट का उद्घाटन किया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस समिट में फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका समेत 23 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, 10 देशों के मंत्री समेत 121 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इसे दुनिया के सोलर एनर्जी सेक्टर में भारत और फ्रांस की बड़ी पहल माना जा रहा है।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत में हमने दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार कार्यक्रम शुरू किया है। हम 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा से 175 GW बिजली पैदा करेंगे जिसमें से 100 GW बिजली सौर से होगी। हमने इसमे से 20 GW स्थापित सौर ऊर्जा का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
बता दें कि 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने पेरिस में आईएसए का गठन किया था। जिसके बाद 2016 में ओलांद ने ही इस अलायंस के मुख्यालय की नींव गुड़गांव में रखी थी।