सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि पुलिस के पास जांच के दौरान अचल संपत्ति जब्त करने का कोई अधिकार नहीं है। शीर्ष अदालत ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना की पीठ ने जांच के दौरान संपत्ति जब्त करने के संबंध में आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 102 के तहत पुलिस की शक्तियों से संबंधित मामले की सुनवाई की।
बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश बरकरार
अदालत महाराष्ट्र सरकार की एक बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें कहा गया था कि पुलिस के पास चल रही जांच के दौरान संपत्ति जब्त करने की कोई शक्ति नहीं है।
महाराष्ट्र सरकार ने दी थी चुनौती
महाराष्ट्र सरकार ने यह कहते हुए इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी कि शीर्ष अदालत के तपस नियोगी मामले में किए फैसले के अनुसार पुलिस बैंक खातों को फ्रीज कर सकती है। उसी प्रकार पुलिस अपराध से संबंधित संपत्ति जब्त कर सकती है। मगर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट राज्य की इन दलीलों से सहमत नहीं हुआ, क्योंकि उसका मानना था कि इससे पुलिस अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर सकती है।