Advertisement

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति बने भव्य समारोह के गवाह, पीएम मोदी भी मौजूद, शुरू हुई परेड

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर तिरंगा फहराया।...
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति बने भव्य समारोह के गवाह, पीएम मोदी भी मौजूद, शुरू हुई परेड

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर तिरंगा फहराया। ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रगान गाया गया। राष्ट्रपति मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सहित वहां मौजूद सभी गणमान्य लोगों ने झंडे को सलामी दी। इंडोनेशिया के राष्‍ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्‍य अतिथि हैं।

इसके साथ ही वह विश्व के उन चुनिंदा नेताओं की सूची में शुमार हो गए जिन्होंने पिछले सात दशकों में देश के सबसे बड़े समारोह की शोभा बढ़ाई है। सुबियांतो गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने वाले इंडोनेशिया के चौथे राष्ट्रपति होंगे। इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो 1950 में, भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे। राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दिए जाने के बाद कर्तव्य पथ पर परेड की शुरुआत हुई। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय समर स्मारक जाकर शहीदों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की।

इसके साथ ही देश में गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत हो गई। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान और तीनों रक्षा सेवाओं के प्रमुख भी मौजूद थे। भारत को 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजादी मिली थी लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित हुआ। ठीक 75 वर्ष पहले आज ही के दिन भारत का संविधान लागू हुआ था।

भारतीय सेना रविवार को कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान रक्षा प्रौद्योगिकी में अपनी अत्याधुनिक प्रगति का प्रदर्शन करने में सबसे आगे थी।

सलामी मंच पर शक्तिशाली प्रणालियां प्रदर्शित की गईं, जो नवाचार और आत्मनिर्भरता के प्रति सेना की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं: एकीकृत युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली, शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम और आकाश हथियार प्रणाली।

स्वदेशी रूप से विकसित ये अत्याधुनिक प्रणालियाँ न केवल रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति को उजागर करती हैं, बल्कि भारतीय सशस्त्र बलों की सामरिक ताकत और तत्परता पर भी जोर देती हैं।

भारतीय सेना और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एकीकृत युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली (आईबीएसएस) को सलामी मंच पर लाया गया, जिसे सभी जमीनी और हवाई सेंसरों को एक सामान्य ग्रिड पर एकीकृत करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो कमांडरों को भौगोलिक सूचना प्रणाली ओवरले के माध्यम से एकीकृत दृश्य प्रदान करता है।

इस वर्ष गणतंत्र दिवस संविधान लागू होने के 75 वर्ष पूरे होने पर प्रकाश डालता है और "जनभागीदारी" पर जोर देता है।

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि दी, जिसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने भारतीय नौसेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट शुभम कुमार और लेफ्टिनेंट योगिता सैनी की सहायता से राष्ट्रीय ध्वज फहराया। (

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad